इंदौर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा है कि 15 अगस्त 2020 के बाद किसानों ने उच्च ब्याज दरों पर जो भी कर्ज लिये हैं, सब माफ कर दिये जायेंगे. राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में शनिवार से पेसा अधिनियम लागू होने की अहम घोषणा करते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना भी साधा. शिवराज सिंह ने कांग्रेस से पूछा कि उसने अपने राज में आदिवासी बहुल इलाकों में इस कानून को अमल में लाने के लिए कौन-सा कदम उठाया था?
शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी क्रांतिकारी टंट्या भील के बलिदान दिवस पर इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित समारोह में पेसा अधिनियम लागू करने की अधिसूचना पढ़ी. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से पेसा अधिनियम लागू करने की मांग हो रही थी. हमने आज से राज्य में यह अधिनियम लागू कर दिया है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर उन्होंने पेसा अधिनियम को लागू किया है. इससे आदिवासियों की बड़ी आबादी वाले अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाएं सशक्त होंगी और उन्हें ज्यादा अधिकार मिलेंगे, जिससे इन इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा.
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमें पानी पी-पीकर कोसने वाले लोग बताएं कि उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान राज्य में पेसा अधिनियम लागू करने के लिए क्या किया था?’
I ask Congress leaders, Why Tantya Mama was never recognised during their time? During the Congress era, we were taught that India got independence because of Gandhiji, Nehru and Indira Gandhi, they forgot Tantya Mama, Bhima Nayak and Birsa Munda: S S Chouhan, CM, Madhya Pradesh pic.twitter.com/K0iEbvVBRc
— ANI (@ANI) December 4, 2021
गौरतलब है कि वर्ष 1996 के दौरान वजूद में आया पंचायतों के प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम (पेसा) अनुसूचित क्षेत्रों में बसे आदिवासियों को स्थानीय स्वशासन के अधिकार भी प्रदान करता है. श्री चौहान ने कार्यक्रम में यह घोषणा भी की कि आदिवासियों पर मामूली प्रावधानों के तहत दर्ज आपराधिक मामले वापस लिये जाएंगे और इस समुदाय के पात्र लोगों को जमीन के सरकारी पट्टे देने का अभियान जारी रहेगा. इसके साथ ही,पट्टे की जमीन पर घर बनाने के लिए आदिवासियों को राज्य सरकार द्वारा मुफ्त रेत भी प्रदान की जाएगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह ‘शराब जैसी बुराई का नाश’ और ‘नशा मुक्ति’ चाहते हैं. लेकिन फिलहाल ऐसा किया जाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है. आदिवासी रीति-रिवाजों में देशी शराब के उपयोग को रेखांकित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि राज्य की आगामी आबकारी नीति में जनजातीय समुदाय के लोगों को परंपरागत शराब बनाने का अधिकार दिया जाएगा और इसे ‘विरासत मदिरा’ के रूप में शराब की दुकानों पर बेचने की अनुमति भी दी जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘बड़े-बड़े लोग शराब कारखाने चलाएं और गरीब आदिवासियों को परंपरागत शराब बनाने पर गिरफ्तार कर लिया जाए, ऐसा नहीं होगा.’ कार्यक्रम को राज्य के राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने भी संबोधित किया. इससे पहले, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इंदौर से करीब 35 किलोमीटर दूर पातालपानी में आयोजित अन्य कार्यक्रम में टंट्या भील की अष्टधातु की प्रतिमा का अनावरण किया.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि लंबे समय तक देश की सत्ता में रही इस पार्टी ने टंट्या भील सरीखे आदिवासी शहीदों का योगदान भुलाकर केवल नेहरू-गांधी परिवार को महिमामंडित किया. जानकारों का कहना है कि अंग्रेजों ने टंट्या भील को चार दिसंबर 1889 को राजद्रोह के जुर्म में जबलपुर के जेल में फांसी दी थी. माना जाता है कि पातालपानी में टंट्या भील का अंतिम संस्कार किया गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष मध्य प्रदेश के 740 आदिवासी समाज के बच्चों ने JEE और NEET की परीक्षा पास की. उनके कॉलेज की फीस भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश सरकार ने दी. उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस से पूछता हूं कि उन्होंने आजादी में टंट्या मामा, भीमा नायक और बिरसा मुंडा के योगदान को क्यों गौण कर दिया. इस पार्टी ने हमें बताया कि सिर्फ गांधी जी, नेहरू और इंदिरा गांधी की वजह से देश को आजादी मिली.
Posted By: Mithilesh Jha