Farmer Protest: ‘संसद का विशेष सत्र बुलाकर MSP पर बनाया जाए कानून’, अपनी मांग पर अड़े किसान, सरकार के प्रस्ताव को ठुकराया
Farmer Protest: एमएसपी पर कानूनी गारंटी समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. करीब एक हफ्ते से किसान पंजाब-हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. अपनी मांगों को मंगवाने के लिए किसान सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश के तहत दिल्ली मार्च के लिए आमादा हैं. […]
Farmer Protest: एमएसपी पर कानूनी गारंटी समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. करीब एक हफ्ते से किसान पंजाब-हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. अपनी मांगों को मंगवाने के लिए किसान सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश के तहत दिल्ली मार्च के लिए आमादा हैं. इसी कड़ी में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आज यानी मंगलवार को केंद्र से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित किसानों की अन्य मांगों को स्वीकार करने के लिए कहा है. पंधेर ने कहा है कि वो कल यानी बुधवार को दिल्ली जाएंगे.
संसद का विशेष सत्र बुलाकर एमएसपी पर कानून बनाए सरकार- पंधेर
पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार से किसानों की तीन बड़ी मांगें हैं.
पहला- सभी फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी हो
दूसरा- स्वामीनाथन आयोग की ओर से अनुशंसित सी 2 प्लस 50 फीसदी फॉर्मूला लागू हो.
तीसरा- किसानों की ऋण माफी हो.
अपनी इन तीनों मांगों को लेकर पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान किसानों ने प्रस्ताव दिया है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर सरकार एमएसपी पर कानून बनाये. वहीं कर्ज माफी के मुद्दे पर पंधेर ने कहा कि सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक किसानों पर कुल 18.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसानों का यह कर्ज माफ हो. पंधेर ने केंद्रीय मंत्रियों से किसानों की विभिन्न मांगों पर अपनी प्रतिक्रिया देने को भी कहा है.
सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज
इससे पहले रविवार को केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई थी. करीब चार घंटे लंबी वार्ता भी हुई. जिसमें सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास किसानों से एमएसपी पर खरीदेंगी. हालांकि शंभू और टिकरी बॉर्डर पर डटे किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. किसानों की दलील है कि केंद्र का प्रस्ताव किसानों के पक्ष में नहीं है
21 फरवरी को हम शांतिपूर्वक दिल्ली जाएंगे- पंधेर
अपनी मांगों को सरकार से मनवाने के लिए किसानों बॉर्डर (Farmer Protest) पर डटे हुए हैं और दिल्ली जाने के लिए आमादा हैं. किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. बीते दिन सोमवार को दिल्ली चलो मार्च को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हमने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. हम मार्च का उनका आह्वान अब भी कायम है, वहीं पंधेर ने मीडिया से कहा कि हम 21 फरवरी को सुबह 11 बजे शांतिपूर्वक तरीके से हम बुधवार को दिल्ली जाएंगे.