मोदी सरकार की टेंशन बढ़ा रहे हैं किसान! जानें क्या है उनकी मांग जिसको सुब्रमण्यम स्वामी का मिला साथ

Farmer Protest: दिल्ली पुलिस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और ‘‘सामाजिक अशांति’’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर एक महीने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है. जानें आखिर क्या है किसानों की मांग

By Amitabh Kumar | February 13, 2024 7:28 AM
an image

Farmer Protest: ‘दिल्ली चलो’ मार्च रोकने के लिए बीती रात किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों के साथ बात हुई, जो बेनतीजा रही. यह बैठक पांच घंटे से अधिक समय तक चली. एक किसान नेता ने यह जानकारी दी और कहा कि किसान मंगलवार यानी आज से ‘दिल्ली मार्च’ शुरू करेंगे. बैठक के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया से बात की और कहा कि हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है. हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं. हम दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. इस बीच बीजेपी नेता और अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम स्वामी ने मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि मोदी जानबूझकर दूसरी बार पंजाब के किसानों के संशोधित प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार क्यों कर रहे हैं? यदि सिख किसानों को उनका हक नहीं दिया गया तो मोदी लंबे समय तक खुश नहीं रहने वाले हैं. आगे उन्होंने कहा कि मैंने खुद किसानों की मांगों को स्टडी किया और एक अर्थशास्त्री के रूप में मैं इसे भारत के लिए अच्छा मानता हूं. आइए जानते हैं किसानों की मांगें क्या हैं…

1. सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए कानून बने. डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप इसे तैयार किया जाए.

2. एक ऋण राहत कार्यक्रम लागू करने का काम किया जाए. किसानों और मजदूरों के लिए पूर्ण ऋण माफी की बात इसमें शामिल किया जाना चाहिए.

3. राष्ट्रीय स्तर पर भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को बहाल करने की मांग किसानों की ओर से की जा रही है. इसमें किसानों से लिखित सहमति की जरूरत होगी, साथ ही कलेक्टर रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाएगा.

4. लखीमपुर खीरी नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों की बात किसानों की मांग में है. किसानों की मांग है कि जो इसमें दोषी हैं उनपर कार्रवाई की जाए और प्रभावित किसानों के लिए न्याय सुनिश्चित की जाए.

5. World Trade Organization को विड्रॉ किया जाना चाहिए. साथ ही घरेलू कृषि की सुरक्षा के लिए सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रोकना चाहिए.

6. किसानों और खेतिहर मजदूरों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक पेंशन योजना शुरू करने की बात किसानों की मांगों में हैं.

Also Read: Farmer Protest: सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर, दिल्ली की सीमा पर लगाए गये लोहे के नुकीले अवरोधक

7. दिल्ली आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए. परिवार के एक सदस्य को रोजगार से जोड़ा जाए. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रिजेक्ट किया जाए.

8. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को बढ़ाकर 700 रुपये की दैनिक मजदूरी के साथ सालाना 200 दिन का रोजगार दिया जाए. साथ ही इसमें कृषि एक्टिविटी जोड़ा जाए.

9. बीज गुणवत्ता मानकों में सुधार की जाए, साथ ही नकली बीज, कीटनाशकों और उर्वरकों के उत्पादन में शामिल कंपनियों पर कड़े दंड लागू करने की मांग किसानों की है.

10. मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के फसलों की खेती को समर्थन दिया जाए. इसके लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की जाए.

Exit mobile version