Farmer Protest: कई किसान संगठन कृषि से जुड़े मुद्दों और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब और हरियाणा के कई किसान संगठन महीने से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इस बीच केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता शुरू हुई है. मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान संगठनों के प्रतिनिधि और नेताओं से साथ मुलाकात की. मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की समस्याओं का ठोस हल निकलने तक बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा. अब कृषि मंत्री हर मंगलवार को किसान संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को दूर करने की कोशिश करेंगे. हालांकि इस बैठक में हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल नहीं थे. इस मुलाकात के दौरान भारतीय किसान यूनियन गैर राजनीतिक के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल हुए. गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि किसानों के खिलाफ किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं पर लगभग एक साल तक डेरा डाले रखा था. आखिरकार केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था.
किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा
मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई सुझाव सरकार को मिले हैं. सरकार इन सुझावों का अध्ययन कर रही है. इस दौरान किसानों की ओर से फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और खाद्य उत्पादों के इंपोर्ट से किसानों को होने वाले वित्तीय नुकसान से अवगत कराया. किसानों ने कई अन्य सुझाव दिए और इसके समाधान के लिए राज्य स्तर पर किसानों से बातचीत करने का आग्रह किया. कृषि मंत्री ने किसानों को सभी सुझावों पर गौर करने का आश्वासन दिया.
बैठक के बारे में कृषि मंत्री ने कहा कि अधिकारियों के साथ बैठकर किसानों के सुझावों को अमल में लाने की कोशिश की जाएगी. बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और किसान संगठनों ने कृषि से जुड़े मोदी सरकार के कई फैसलों की सराहना भी की. माना जा रहा है सरकार की कोशिश देश के सभी किसान संगठनों को बातचीत की मेज पर लाना है. किसान संगठनों की नाराजगी का खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ा है. ऐसे में अब सरकार बातचीत के जरिये किसान संगठनों को साधने में जुट गयी है.
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