Farmers Protest In Delhi नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी आंदोलन के बीच कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की योजना बनायी है. इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान कांग्रेस नेताओं ने उन्हें कानूनों के खिलाफ दो करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर नये कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह नहीं सोचना चाहिए कि ये मजदूर और किसान वापस चले जायेंगे. जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक ये किसान पीछे नहीं हटेंगे. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री ने कानून वापस नहीं लिए तो सिर्फ भाजपा और आरएसएस को नहीं, बल्कि देश को नुकसान होने जा रहा है.
राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि अब देश में लोकतंत्र नहीं बचा है और यह अब सिर्फ कल्पना में है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये कानून किसान विरोधी हैं और इनसे मजदूरों और किसानों का बहुत नुकसान होने जा रहा है तथा किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़ा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज उठाने वालों को आतंकवादी या राष्ट्र विरोधी करार दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी दिन मोहन भागवत भी मोदी के खिलाफ हुए तो उनको भी आतंकवादी बता दिया जायेगा.
उधर, कांग्रेस मुख्यालय से पार्टी नेताओं ने राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च आरंभ किया जिसे कुछ ही दूरी पर पुलिस ने रोक दिया. इसके बाद कांग्रेस के नेता वहीं बैठ गये और प्रदर्शन किया. बाद में कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोक लिया और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया.
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