Kisan Andolan: कृषि मंत्री का बड़ा बयान- सुप्रीम कोर्ट ने जब मना कर दिया, तो जिद्द पर क्यों अड़े हैं किसान?
Farmer Protest: तीन नये कृषि कानून को लेकर किसानों के आंदोलन को 50 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन किसान अपनी मांग से टस से मस नहीं हुए हैं, कड़ाके की ठंड में भी वे लगातार अपनी मांग पर अड़े हैं.
Farmer Protest: तीन नये कृषि कानून को लेकर किसानों के आंदोलन को 50 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन किसान अपनी मांग से टस से मस नहीं हुए हैं, कड़ाके की ठंड में भी वे लगातार अपनी मांग पर अड़े हैं. इनसबके बीच कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों के आंदोलन पर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कानून के अमल पर रोक लगा दी है, तब किसान धरने पर क्यों बैठे हैं?
उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के क्रियान्वयन को रोक दिया है तो मैं समझता हूं कि जिद्द का सवाल ही खत्म होता है. हमारी अपेक्षा है कि किसान 19 जनवरी को एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें और वो कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं वो सरकार के सामने रखें.
सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के क्रियान्वयन को रोक दिया है तो मैं समझता हूं कि जिद्द का सवाल ही खत्म होता है। हमारी अपेक्षा है कि किसान 19 जनवरी को एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें और वो कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं वो सरकार के सामने रखें: केंद्रीय कृषि मंत्री pic.twitter.com/12lwpp1oys
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 17, 2021
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने यह भी कहा है कि, ‘हमने किसान यूनियनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें हम मंडियों, व्यापारियों के पंजीकरण और अन्य क्लॉज के बारे में उनकी आशंकाओं को दूर करने पर सहमत हुए थे. सरकार भी पराली जलाने और बिजली से जुड़े कानूनों पर चर्चा करने के लिए सहमत हुई थी. लेकिन किसान यूनियन कानून को निरस्त करने पर अड़ी है’.
We had sent a proposal to farmer unions in which we agreed to address their apprehensions regarding mandis, traders' registration &others. Govt also agreed to discuss laws on stubble burning & electricity but unions only want repeal of the laws:Union Agriculture Minister NS Tomar pic.twitter.com/9lnaI7nTzE
— ANI (@ANI) January 17, 2021
गौरतलब है कि किसानों के साथ सरकार की 9 दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन अबतक इसपर कोई सार्थक बात नहीं हो पाई है. सरकार की अपनी दलील है तो किसान कानून रद्द करने की बात पर अड़े हैं. ऐसे में आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होनी है. जिसमें किसान आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. बता दें, किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले हैं जिसके लिए मंथन होना है.
बता दें, किसान और सरकार के बीच 19 जनवरी को दसवें राउंड की बातचीत होगी. बीते दौर की बातचीत बेनतीजा रही है. अब सबकी निगाहे 19 जनवरी की बतचीत पर टिकी है. जाहिर है किसान कानून को निरस्त करने की मांग पर अड़े है. तो वहीं सरकार कानून को खारिज करना छोड़कर सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि, क्या इस बार बनेगी बात…
Posted by: Pritish Sahay