Kisan Andolan: 9वें दौर की वार्ता से पहले किसान नेता का बड़ा ऐलान, लाल किले पर नहीं सिर्फ दिल्ली बॉर्डर पर होगी ट्रैक्टर रैली
Kisan Andolan: नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) से नाराज किसानों के प्रदर्शन को 50 दिन हो गये है. अभी भी किसान दिल्ली बार्डर पर डटे हुए हैं. इससे पहले सरकार के साथ किसानों ने कई दौर की बातचीत की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.
Kisan Andolan: भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने किसानों के ट्रेक्टर मार्च को लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि ट्रैक्टर मार्च केवल हरियाणा और नई दिल्ली सीमा पर होगा, लाल किले पर मार्च नहीं किया जाएगा. गौरतलब है कि, नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) से नाराज किसानों के प्रदर्शन को 50 दिन हो गये है. अभी भी किसान दिल्ली बार्डर पर डटे हुए हैं. इससे पहले सरकार के साथ किसानों ने कई दौर की बातचीत की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला, यहां तक की, सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद भी किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं.
अब 9वें दौर की बातचीत से उम्मीद: 15 जनवरी को सरकार के साथ किसानों की 9वीं दौर की बैठक हो रही है. बातचीत को लेकर सरकार काफी सकारात्मक है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वार्ता को लेकर उम्मीद जताई है कि इसबार की बातचीत में कोई विकल्प मिलेगा और वे मामले के निपटारे की ओर बढ़ेंगे. वहीं, सरकार से बातचीत से पहले किसान संगठन बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे है. गौरतलब है कि किसान 18 जनवरी को महिला किसान दिवस, 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जयंती और 23 जनवरी को राजभवनों पर प्रदर्शन का एलान पहले ही कर चुके हैं.
इससे पहले, किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ाके की सर्दी में किसानों के प्रदर्शनों को लेकर केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. साथ ही, एपेक्स कोर्ट ने मामले के निपटारे के लिए एक समिति भी गठित की, जो केंद्र और किसान पक्ष के बीच सुलह कराने के बीच कड़ी का काम करेगी. इसके अलावा, कोर्ट ने तीनों नये कानूनों के लागू होने पर अस्थाई रोक भी लगा दी है. हालांकि, किसानों ने समिति से ऐतराज जताया है. किसानों का कहना है कि, समिति में उन लोगों को भी शामिल किया गया है, जो नए कानूनों का समर्थन कर रहे हैं.
किसानों ने नये कृषि कानूनों की प्रतियां जला कर मनायी लोहड़ी: किसानों ने सिंघु बॉर्डर, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कृषि कानूनों की प्रतियां जला कर लोहड़ी पर्व मनाया और इन कानूनों के प्रति अपना विरोध जताया. किसानों ने उनकी मांगें नहीं मानने को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. उन्होंने नये कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग भी की.
Posted by: Pritish Sahay