Farmer Protest Video: 16 दिसंबर को देशभर में ‘ट्रैक्टर मार्च’ करेंगे किसान, 18 को ‘रेल रोको’ अभियान
Farmer Protest Video: किसानों का शंभू बॉर्डर पर जोरदार प्रदर्शन जारी है. इस बीच किसानों ने 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च और 18 दिसंबर को रेल रोको का ऐलान किया है.
Farmer Protest Video: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, “आप सब ने देखा कि किस तरह से दुनिया की पांचवं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाली भारत सरकार ने 101 किसानों के खिलाफ बल प्रयोग किया. हम पर वाटर कैनन की मदद से केमिकल पानी की बौछार की गई. आंसू गैस के गोले दागे गए. 17 किसान घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है. घायलों को अस्पताल में उचित इलाज नहीं दिया जा रहा है. हम पंजाब सरकार से कह रहे हैं कि अच्छा इलाज सुनिश्चित किया जाए.”
16 दिसंबर को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च का किया ऐलान
किसान नेता पंढेर ने देशभर में बड़े आंदोलन कर ऐलान करते हुए कहा, “16 दिसंबर को पंजाब के बाहर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा और 18 दिसंबर को हमने पंजाब में ‘रेल रोको’ का आह्वान किया है..हम सभी पंजाबियों से अपील करते हैं कि वे बड़ी संख्या में “रेल रोको” में भाग लें. पंढेर ने विपक्ष पर भी हमला किया और कहा, विपक्ष को सिर्फ बयान देकर अपनी भूमिका से भागना नहीं चाहिए. उन्हें किसानों की मांगों को पूरा करने के एजेंडे पर प्रकाश डालना चाहिए. उन्हें हमारे मुद्दे पर संसद को वैसे ही रोकना चाहिए जैसे वे अन्य मुद्दों पर संसद को रोक रहे हैं. राहुल गांधी संसद में हमारे मुद्दे नहीं उठा रहे हैं जैसा उन्होंने हमें आश्वासन दिया था.”
अगर किसी किसान को कुछ हुआ तो इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार
खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, “26 नवंबर से किसानों में बहुत गुस्सा है. कहीं भी ऐसी गलती न हो जिसे किसान बर्दाश्त न कर सकें. अगर किसी किसान को कुछ हुआ तो इसके लिए पूरी तरह से मोदी सरकार जिम्मेदार होगी.”
Also Read: Farmer Protest Video : शंभू बॉर्डर पर जमकर बवाल, पुलिस से भिड़े किसान, दागे गए आंसू गैस के गोले
शनिवार को किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की, सुरक्षा बलों ने रोका
इससे पहले शनिवार दोपहर हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर 101 किसानों के ‘जत्थे’ को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया गया. किसानों द्वारा आगे बढ़ने का प्रयास करने पर विरोध स्थल पर तनाव पैदा हो गया. सुरक्षा बलों ने किसानों के ‘जत्थे’ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारों की. बैरिकेड्स और भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद किसान अपने विरोध पर अड़े रहे. किसानों ने सुरक्षा बलों से अपील की कि उन्हें अपना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखने दिया जाए.