Farmer Protest Updates: बीते पांच दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. पंजाब हरियाणा की दिल्ली से लगने वाले बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. कड़ाके की सर्दी के बीच खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन हो रहा है. दिल्ली चलो मार्च के तहत किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. इस दौरान वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों से झड़प भी हो रही है. पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग किया है. साथ ही उनके जत्थे को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रही है साथ ही वाटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है. इस बीच किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.
MSP पर एक कमेटी बना सकती है केंद्र सरकार
इधर, आंदोलन में शामिल संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि अपनी मांग को लेकर किसानों का इरादा स्पष्ट है अगर सरकार मांग नहीं मांगती है तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा. वहीं, केंद्र सरकार के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि कल यानी रविवार को किसानों के साथ एक और दौर की बातचीत हो रही है. उन्होंने उम्मीद जताई की बातचीत सार्थक होगी और समस्या का समाधान निकलेगा. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर है कि सरकार किसानों को एमएसपी पर एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती है.
रविवार को फिर होगी किसानों के साथ सरकार की वार्ता
किसानों के साथ सरकार के मंत्री फरवरी महीने में तीन बार बातचीत कर चुके हैं, लेकिन अब तक वार्ता बेनतीजा रही है. अब एक बार फिर कल यानी रविवार को किसानों के साथ सरकार के मंत्री बातचीत करने वाले हैं. आंदोलन शुरू करने से पहले किसानों के साथ केंद्रीय मंक्षी 8, 12 फरवरी को वार्ता कर चुके हैं. इसके बाद 15 फरवरी को भी बैठक हुई थी. हालांकि सभी बैठकें बेनतीजा ही रही है. किसान एमएसपी की पर गारंटी की मांग पर अड़े हैं.
एमएसीपी को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाने की पंढेर ने की मांग
किसानों के जारी आंदोलन के बीत किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केन्द्र सरकार से आज यानी शनिवार को मांग की है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लेकर आए. पंढेर ने शंभू सीमा पर मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अगर केन्द्र सरकार चाहे तो वह रातों रात अध्यादेश ला सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन का कोई समाधान चाहती है तो उसे यह अध्यादेश लाना चाहिए कि वह एमएसपी पर कानून लागू करेगी, तब बातचीत आगे बढ़ सकती है. वहीं, कृषि ऋण माफी के मुद्दे पर पंधेर ने कहा कि सरकार कह रही है कि ऋण राशि का आकलन करना होगा. ऐसे में सरकार बैंकों से आंकड़े एकत्र कर सकती है.
18 फरवरी को होगी अगली बैठक
गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच गुरुवार को पांच घंटे तक मैराथन बैठक हुई थी, लेकिन दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन सकी. दोनों पक्षों के बीच अब चौथे दौर की वार्ता 18 फरवरी को होगी.
क्या है किसानों की मांग
बता दें, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के साथ-साथ किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं. इसके लिए किसान बीते पांच दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली जाने पर किसान आमादा हैं. भाषा इनपुट के साथ