Loading election data...

Farmers Protest : कौन है 21 वर्षीय शुभकरण सिंह? किसानों का दावा- पुलिस के साथ झड़प में गई जान

Farmer Protest : किसान आंदोलन को दो दिन का विराम दिया गया है. इस बीच खबर है कि 21 साल के एक किसान की मौत हो गई है. जानें पूरी खबर यहां

By Amitabh Kumar | February 23, 2024 1:18 PM
an image

Farmers Protest : किसान आंदोलन को दो दिन का विराम दिया गया है. इस बीच एक किसान की मौत की खबर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को खनौरी सीमा पर सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प हुई जिसमें भटिंडा के 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई. झड़पों में 12 पुलिसकर्मी के भी घायल होने की खबर है. मामले को लेकर पटियाला स्थित राजिंदरा अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि मृतक के सिर पर चोट थी. हालांकि, उनकी मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आ सकेगा. दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि पुलिस आंसू गैस के गोले के साथ रबर की गोलियां भी चलाती नजर आई जिससे हमें चोट लगी. वहीं हरियाणा पुलिस की ओर से कहा गया कि किसानों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरों के साथ-साथ लाठियों से हमला किया.

पुलिस की कार्रवाई ‘लोकतंत्र की हत्या’ : ‘आप’

हरियाणा पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने खनौरी सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घेरने के बाद पराली पर मिर्च पाउडर डाला. इतना ही नहीं उन्होंने इसमें आग लगा दी. इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने पुलिस कार्रवाई को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया है. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की ओर से दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई.

Farmers Protest: किसानों ने अगले दो दिन के लिए दिल्ली कूच रोका, रणक्षेत्र में बदला शंभू और खनौरी बॉर्डर

दो बहनों का इकलौता भाई था शुभकरण सिंह

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खनौरी सीमा पर हरियाणा पुलिस की गोलीबारी में मौड़ (बठिंडा) के शुभकरण सिंह की मौत हो गई. इस खबर के बाद पूरे पंजाब में शोक की लहर दौड़ गई है. मृतक दो बहनों का इकलौता भाई था. इस युवा की मौत पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दुख व्यक्त किया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया है कि शुभकरण सिंह की मौत पुलिस द्वारा चलाई गई रबर की गोली की वजह से हुई है.

शुभकरण सिंह कौन था?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुभकरण सिंह रामपुरा फूल शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर भटिंडा के बलोह गांव का रहने वाला था. उसके दोस्त ने कहा कि वह एक मेहनती किसान था. शुभकरण सिंह और उनके चाचा चरणजीत सिंह 20 एकड़ जमीन कांट्रेक्ट पर लेकर खेती करते थे. शुभकरण पशुपालन भी करता था. वह स्कूल ड्रॉप आउट था. बताया जा रहा है कि माता-पिता के तलाक के बाद शुभकरण सिंह का पालन-पोषण उनके दादा ने किया. उनकी दो बहनें हैं जो मौत के बाद सदमे में हैं.

Exit mobile version