Farmer: किसानों का आंदोलन जारी, छठी बैठक भी रही बेनतीजा

Farmer: किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों पर सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बीच छठी बैठक भी बेनतीजा रही. अगली बैठक 22 फरवरी को होगी.

By Aman Kumar Pandey | February 15, 2025 6:13 AM

Farmer: 13 फरवरी 2024 से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. इसी सिलसिले में आज चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) गैर-राजनीतिक और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच छठे दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. बैठक में 28 किसान नेता शामिल हुए और यह चर्चा करीब साढ़े तीन घंटे चली. हालांकि, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बैठक के बाद इसे सकारात्मक बताया.

22 फरवरी को होगी अगली बैठक

बैठक के बाद डल्लेवाल ने कहा कि 22 फरवरी को होने वाली अगली बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे. उनके अलावा दो अन्य मंत्री भी बैठक में हिस्सा लेंगे. हालांकि, बैठक कहां होगी, इसका निर्णय सरकार जल्द करेगी. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा की गई और सरकार ने किसानों की मांगों को गंभीरता से सुना. सूत्रों के अनुसार, अगली बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हो सकते हैं और यह दिल्ली या चंडीगढ़ में हो सकती है.

डल्लेवाल एंबुलेंस से पहुंचे बैठक में

खनौरी बॉर्डर पर पिछले 81 दिनों से अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके चलते उन्हें एम्बुलेंस से चंडीगढ़ लाया गया. उन्हें स्ट्रेचर के जरिए बैठक हॉल तक ले जाया गया. इस दौरान केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत खुड्डियां और मंत्री लाल चंद कटारूचक्क भी बैठक में शामिल हुए. प्रह्लाद जोशी ने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता व्यक्त की.

किसानों का बड़ा ऐलान – 25 फरवरी को दिल्ली कूच

बैठक से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर 14 फरवरी की बैठक में कोई ठोस हल नहीं निकला, तो 25 फरवरी को किसान दिल्ली की ओर पैदल कूच करेंगे.

लंबे समय बाद हुई बैठक

यह बैठक लगभग एक साल बाद आयोजित की गई. पिछले साल भी संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और केंद्र सरकार के बीच छह दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था. हरियाणा की भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) और भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) ने इस वार्ता से दूरी बनाए रखी, हालांकि उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया.

सुप्रीम कोर्ट का भी हस्तक्षेप

डल्लेवाल की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के दौरान उनकी हालत बिगड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया. 2 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को खोलने की याचिका पर एक कमेटी गठित की थी. अब किसानों की मांगों और सरकार की रणनीति पर सबकी नजरें टिकी हैं.

Next Article

Exit mobile version