सीएम मनोहर लाल खट्टर का पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना, बोले- कैसे मांगा मेरा इस्तीफा

Farmers Agitation किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को कांग्रेस और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. मनोहर लाल खट्टर ने कैप्टन पर हमला बोलते हुए कहा, वे कौन होते हैं मेरा इस्तीफा मांगने वाले. इसके बजाय उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2021 4:00 PM
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Farmers Agitation किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को कांग्रेस और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कैप्टन अमरिंदर पर हमला बोलते हुए कहा कि वे कौन होते हैं मेरा इस्तीफा मांगने वाले. इसके बजाय उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि किसान आंदोलन के पीछे उनका हाथ है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान पंजाब के हैं. हरियाणा के किसान सिंघू या टिकरी सीमा पर विरोध नहीं कर रहे हैं. पंजाब में वह यानि कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों को भड़का रहे हैं. वहीं हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा साहब और अन्य कांग्रेसी नेता उन्हें भड़का रहे हैं. करनाल में किसानों के विरोध पर लाठीचार्ज के दौरान एक अधिकारी के सिर फोड़ने वाली टिप्पणी पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अधिकारी के शब्दों का चयन गलत था. प्रशासन मामले की जांच करेगा. उन्हें ये शब्द नहीं बोलने चाहिए थे. लेकिन, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती की जरूरत थी.

वहीं, हरियाणा में जबरन धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए सरकार कानून लाने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि जबरन धर्म परिवर्तन के स्थिति से निपटने लिए कानून लाने की दरकार है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि राज्य में धर्म परिवर्तन के कई मामले देखने को मिल रहे हैं और राज्य के कई हिस्सों से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. इनको रोकने के लिए हमें एक कानून बनाने की जरूरत है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों को लेकर एक अध्ययन किया गया है. जल्द ही कानून का मसौदा तैयार किया जाएगा. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून लाया जाएगा. हम देखेंगे कि इसे अध्यादेश के रूप में पेश किया जाए या विधानसभा में पेश किया जाए.

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