पंजाब में कंगना रनौत पर फूटा किसानों का गुस्सा, गाड़ी रोकी, एक्ट्रेस ने कहा- लिंचिंग हो जाता अगर…
कंगना रनौत पर किसानों का गुस्सा इसलिए फूटा क्योंकि कंगना ने किसानों पर आपत्तिजनक बयान दिया था. किसानों द्वारा कंगना की गाड़ी रोके जाने के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया.
बॉलीवुड की अभिनेत्री कंगना रनौत को आज किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा. उनकी कार को आज रोपड़ के नजदीक चंडीगढ़-ऊना हाईवे पर किसानों ने रोक दिया और उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने एएनआई से कहा कि अगर वहां पुलिसकर्मी नहीं होते तो मॉब लिंचिंग हो सकता था. ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए. इस घटना के संबंध में कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया और कहा कि इतनी सारी पुलिस है फिर भी मेरी गाड़ी को निकलने नहीं दिया जा रहा था.
कंगना रनौत ने कहा- क्या मैं कोई पॉलिटिशियन हूं? कोई पार्टी चलाती हूं? पुलिस अधिकारियों के होने के बावजूद मेरी गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया जा रहा था. यह अविश्वसनीय व्यवहार था. वहां मौजूद लोग खुद को किसान कहते हैं लेकिन वे मेरे नाम का राजनीति के लिए इस्तेमाल करना चाह रहे थे.
Punjab | Farmers stopped actor Kangana Ranaut’s car near Ropar & protested against her over her statements on farmers protest
"If the police personnel were not present here, lynching would've happened, shame on these people," says Kangana Ranaut pic.twitter.com/Rd37EQfpfT
— ANI (@ANI) December 3, 2021
किसानों पर कंगना ने दिया था आपत्तिजनक बयान
कंगना रनौत पर किसानों का गुस्सा इसलिए फूटा क्योंकि कंगना ने किसानों पर आपत्तिजनक बयान दिया था. किसानों द्वारा कंगना की गाड़ी रोके जाने के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया. जानकारी के अनुसार कंगना रनौत ने जब अपने बयान पर माफी मांगी तब किसानों ने उन्हें जाने दिया. कुछ देर के लिए कंगना गाड़ी से बाहर निकली और तसवीर भी खिंचवाई.
दिल्ली के बॉर्डर पर किसान पिछले एक साल से कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए डटे हुए हैं. कुछ समय पहले कंगना रनौत ने इन आंदोलनरत किसानों को आतंकवादी बताया है और इनके आंदोलन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. कंगना रनौत ने इस आंदोलन में शामिल एक वृद्ध महिला पर यह आपत्तिजनक टिप्पणी की थी कि वो 100 रुपये के लिए आंदोलन में शामिल हो रही हैं.
गौरतलब है कि मोदी सरकार किसानों के लिए तीन कृषि कानून लेकर आयी थी जिसका किसान पिछले एक साल से यह कहते हुए विरोध कर रहे थे कि यह किसान विरोधी है. बाद में पीएम मोदी ने किसानों से माफी मांगते हुए कृषि कानून को वापस लिये जाने की घोषणा की.