किसानों का आक्रोश, सांसदों का घेराव, जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर
Jagjit Singh Dallewal: शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय के जॉइंट सचिव प्रिया रंजन और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे.
Jagjit Singh Dallewal: संयुक्त किसान मोर्चा (इंडिया) के नेता दर्शन सिंह ने घोषणा की है कि 20 जनवरी को पंजाब के सभी सांसदों के घरों का घेराव किया जाएगा और उन्हें चेतावनी पत्र सौंपे जाएंगे. इस कदम का उद्देश्य सांसदों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक संदेश पहुंचाना है, ताकि वे जल्द से जल्द किसानों के साथ बातचीत शुरू कर सकें. इसके अलावा, एस.के.एम. ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि 54 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाने के लिए केंद्र सरकार सकारात्मक रुख अपनाए.
पातड़ां में स्थित गुरुद्वारा श्री तेग बहादुर साहिब में एस.के.एम. (गैर-राजनीतिक), किसान मजदूर मोर्चा और अन्य किसान नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. हालांकि, बैठक का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बैठक के बारे में कोई भी जानकारी मीडिया के साथ साझा नहीं की जाएगी, ताकि वार्ता की एकता पर कोई असर न पड़े. उन्होंने बताया कि एस.के.एम. के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन एकता को लेकर 24 जनवरी की बैठक के बाद ही घोषणा की जाएगी.
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वहीं, खनौरी में जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ 111 किसान पहले से आमरण अनशन पर थे, लेकिन अब हरियाणा के 10 किसानों के जुड़ने से यह संख्या बढ़कर 122 हो गई है. किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने चेतावनी दी है कि अनशन पर बैठे किसी भी किसान की मृत्यु होने पर, उनके शव को तब तक खनौरी में रखा जाएगा, जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होतीं.
शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय के जॉइंट सचिव प्रिया रंजन और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे. उनकी सेहत खराब होने के कारण, डल्लेवाल ने बातचीत से मना कर दिया और किसान नेताओं को अधिकारियों से बातचीत करने के लिए कहा.
डल्लेवाल की स्थिति अब बेहद गंभीर है. पिछले 24 घंटों से उनकी हालत और बिगड़ गई है. पानी भी नहीं पचा पाने के कारण उनकी हालत और भी खराब हो गई है. एस.के.एम. के नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों के साथ मजाक कर रही है और सुप्रीम कोर्ट में डल्लेवाल की सेहत सुधारने की गलत जानकारी देकर न्यायपालिका और किसान नेताओं का मजाक उड़ाया गया है.
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