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कृषि बिल के विरोध में 25 सितंबर को किसानों का ‘भारत बंद’, इन राज्यों पर पड़ेगा असर

नयी दिल्ली : मोदी सरकार की ओर लाये गये कृषि संबंधित विधेयकों (farmers bill 2020) के विरोध में किसानों ने 25 सितंबर को भारत बंद (Bharat Band) का आह्वान किया है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्य के किसानों ने इस बंद को सफल बनाने का संकल्प लिया है. भारतीय किसान यूनियन और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने बुधवार को ही 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान कर दिया था.

नयी दिल्ली : मोदी सरकार की ओर लाये गये कृषि संबंधित विधेयकों (farmers bill 2020) के विरोध में किसानों ने 25 सितंबर को भारत बंद (Bharat Band) का आह्वान किया है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्य के किसानों ने इस बंद को सफल बनाने का संकल्प लिया है. भारतीय किसान यूनियन और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने बुधवार को ही 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान कर दिया था.

कई राज्य के किसान इन बिल के विरोध में सड़कों पर हैं. प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी बिल के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बनायी है. हरियाणा के पानीपत से दिल्ली जा रहे किसानों को बुधवार को बॉर्डर पर रोक दिया गया था. उन्हें रोकने के लिए हरियाणा पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे और पानी की बौछार भी करनी पड़ी थी. कई किसानों को हिरासत में भी ले लिया गया है.

केंद्र सरकार द्वारा लाये गये कृषि से संबंधित तीन विधेयकों के खिलाफ नयी अनाज मंडी में प्रदर्शन कर रहे किसानों और आढ़तियों ने मिलने मंगलवार को पहुंचे अखिल भारतीय किसान सभा के हरियाणा राज्य प्रधान फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि यह खेती को बर्बाद करने की साजिश है. उन्होंने यहां जुलाना में धरना स्थल पर किसानों आढ़तियों से 25 सितंबर को भारत बंद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया.

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राज्य प्रधान फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि भाजपा सरकार ने कृषि संबंधी विधेयकों को पारित नहीं किए बल्कि जबरदस्ती की है. लोकसभा में भाजपा का बहुमत है, इसलिए वहां यह पारित हुआ लेकिन राज्यसभा में दो विधेयकों को पारित करना खेल करने के बराबर हैं क्योंकि विधेयकों पर मतदान नहीं हुआ बल्कि भाजपा ने जबरदस्ती और तानाशाही तरीके से इन्हें पारित कराया.

अलीगढ़ में किसानों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन किया

कृषि विधेयकों के खिलाफ सैकड़ों किसानों ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में विरोध मार्च निकाला. टप्पल में एक चौराहे पर भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने भारतीय किसान यूनियन (भानु समूह) के बैनर तले मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को यमुना एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश करने से रोक दिया. एसडीएम अंजनी कुमार ने जिलाधिकारी को संबोधित एक ज्ञापन प्राप्त किया. कुमार ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को राज्य सरकार तक पहुंचाया जायेगा.

कृषि बिल के खिलाफ समाजवादी पार्टी का ज्ञापन सौंपो अभियान

समाजवादी पार्टी (सपा) किसानों एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कानूनों के विरोध में 25 सितंबर को प्रदेशव्यापी अभियान के तहत जिलाधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपेगी. सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने गुरुवार को बताया कि दल के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा कार्यकर्ता किसानों एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में 25 सितंबर को सभी जिलों में दो गज की दूरी बनाए रखते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपेंगे.

इन राज्यों में देखने को मिल सकता है ‘भारत बंद’ का असर

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश के किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि विधेयकों के विरोध में पूरे देश में 25 सितंबर को चक्का जाम रहेगा. जिसके तहत पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत तकरीबन पूरे देश के किसान संगठन इस बंद को सफल बनाने का प्रयास करेंगे. किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से इन विधेयकों को किसान विरोधी और कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले विधेयक करार देते हुए, इन्हें वापस लेने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए कानूनी प्रावधान करने की मांग की है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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