कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में किसानों की मौत की जेपीसी से कराई जाए जांच, राष्ट्रपति से मिला प्रतिनिधिमंडल

विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधि मंडल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की सांसद हरसिमरत कौर की अगुआई में शनिवार को राष्ट्रपति से मिला, जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के सदस्य शामिल थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2021 4:28 PM
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते करीब आठ महीनों से जारी आंदोलन में किसानों की मौत की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग के लिए शनिवार को विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधि मंडल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की सांसद हरसिमरत कौर की अगुआई में शनिवार को राष्ट्रपति से मिला, जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के सदस्य शामिल थे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद शिअद सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कृषि मंत्री ने यह कहकर बहुत बड़ी गलती की है कि केंद्र सरकार के पास किसान आंदोलन के दौरान किसानों की मौतों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

उन्होंने कहा कि यह अन्नदाता के बलिदानों को भुलाने वाली बात है, जो आठ महीनों से तीन काले कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री की ओर से किसान आंदोलन के दौरान मारे गए 537 किसानों के शहीद होने का स्पष्ट सबूत होने के बावजूद यह दावा हैरान करने वाला है.

उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे सरकार पर संयुक्त संसदीय समिति बनाने पर दबाव डालें, क्योंकि सरकार कृषि कानून के मुद्दे पर विफल है. हमने मांग रखी कि सरकार आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार से मिले. सरकार यह मानना नहीं चाहती कि इस आंदोलन में किसी किसान की मौत हुई है.

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Posted by : Vishwat Sen

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