नयी दिल्ली : केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन को लेकर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसान संगठनों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की शुक्रवार को अनुमति दे दी गयी. दिल्ली पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है.
Delhi Police confirms protesting farmers allowed entry into national capital, can hold protest at Burari ground
— Press Trust of India (@PTI_News) November 27, 2020
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ”प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने की अनुमति दे दी गयी है और वे उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन कर सकते हैं.” साथ ही दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ”हम उनसे शांति बनाये रखने की अपील करते हैं.”
Delhi: Farmers enter the national capital through the Tikri border after being given permission to hold their demonstrations at the Nirankari Samagam Ground in the Burari area#DelhiChalo pic.twitter.com/Oy4JcVj6lV
— ANI (@ANI) November 27, 2020
इससे पहले क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने भी दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ”हमें दिल्ली में दाखिल होने की अनुमति मिल गयी थी.” उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी के एक स्थान पर प्रदर्शन की अनुमति दी थी.
मालूम हो कि इससे पहले शुक्रवार की सुबह सीमा पर डटे किसान प्रदर्शन करते हुए दिल्ली में जबरदस्ती दाखिल होने की कोशिश की. किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच दिल्ली-हरियाणा सिंहू सीमा पर पथराव शुरू हो गया. इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
इधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि ”किसानों की आवाज दबायी नहीं जा सकती है. केंद्र को दिल्ली की सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने के लिए किसान संघ के नेताओं के साथ तुरंत बातचीत शुरू करनी चाहिए. अब जब स्थिति हाथ से निकल रही है, तो तीन दिसंबर तक इंतजार क्यों करें?”
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि बातचीत और समाधान के लिए केंद्र सरकार ‘हमेशा तैयार’ है. साथ ही उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिये ही हल निकलेगा, ना कि आंदोलन के जरिये.