सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में ‘किसान मार्च’ शुरू, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग

new farm bill agri bills farmers protest नयी दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से लाये गये कृषि से संबंधित तीन कानूनों के खिलाफ कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं. पंजाब के अमृतसर से शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में किसान मार्च अमृतसर से शुरू हुआ. बादल ने कहा कि हम सभी राज्यपाल से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन देंगे जिसमें राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया है कि कृषि बिल पर दुबारा संसद सत्र बुलायी जाए और इन कानूनों को वापस लिया जाए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2020 10:56 AM

बता दें कि पंजाब के किसानों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना ‘रेल रोको’ आंदोलन अनिश्चित अवधि के लिए बढ़ाने के साथ ही आज से भाजपा नेताओं के घरों के बाहर धरना देने का निर्णय किया है. साथ ही किसान संगठन ग्राम पंचायतों से भी आग्रह करेंगे कि वे ग्राम सभाओं के जरिए इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करें. आंदोलन तेज करने के लिए 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है.

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने बुधवार को कहा, ‘किसान राज्य में भाजपा नेताओं के आवासों के बाहर धरना देंगे.’ सिंह ने कहा कि उन्होंने पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्ञानी सहित चार भाजपा नेताओं के आवासों के बाहर ‘धरना’ देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि बीकेयू (एकता उग्राहन) के बैनर तले किसान पटियाला, सुनाम (संगरूर), बुढलाडा (मनसा) और गिद्दड़बाहा (मुक्तसर) में रेल पटरी अनिश्चित अवधि तक बाधित करेंगे.

शॉपिंग मॉल्स और पेट्रोल पंप के बाहर भी होगा प्रदर्शन

इसी तरह से अन्य किसान संगठन भी राज्य में कई स्थानों पर रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लेंगे. वर्तमान समय में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के बैनर तले किसान 24 सितम्बर से राज्य में अमृतसर और फिरोजपुर में रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं. कोकरीकलां ने कहा कि उन्होंने कानूनों के खिलाफ विरोध के तौर पर कार्पोरेट घरानों के स्वामित्व वाले शॉपिंग मॉल और पेट्रोल पंपों के बाहर भी आंदोलन करने का निर्णय किया है.

Also Read: Krishi Bill 2020: पंजाब में सातवें दिन जारी है किसानों का रेल रोको आंदोलन, कृषि कानून के समर्थन में हरियाणा में ट्रैक्ट्रर रैली

किसानों नेता कुछ कार्पोरेट घरानों और उनके उत्पादों का राज्य में बहिष्कार का पहले ही आह्वान कर चुके हैं. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने आरोप लगाया कि केंद्र इन ‘काले कानूनों’ से कुछ निजी इकाइयों को ‘लाभ’ पहुंचाना चाहता है. बीकेयू (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि वे इन कानूनों के खिलाफ ग्राम सभाओं के जरिये प्रस्ताव पारित कराएंगे.

पंजाबी गायक भी प्रदर्शन में हुए शामिल

बठिंडा में, कुछ पंजाबी गायक भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. विपक्षी शिरोमिण अकाली दल एक अक्टूबर को किसान मार्च निकालेगा और कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर को एक ज्ञापन सौंपेगा। शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डी सिंह चीमा ने कहा कि दो लाख लोग उन तीन अलग-अलग किसान मार्च में शामिल होंगे जो तीन सिख तख्त से चंडीगढ के लिए रवाना होंगे

Posted By: Amlesh Nandan.

Next Article

Exit mobile version