किसान तो बहाना, BJP पर निशाना… NCP चीफ शरद पवार का सवाल- विचार क्यों नहीं कर रही केंद्र सरकार?

Farmers Protest 2020: दिल्ली में कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन पर सियासत भी जारी है. राजनीतिक दल केंद्र सरकार से कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने मोदी सरकार पर हमला किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2020 7:33 PM
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दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर सियासत भी जारी है. राजनीतिक दल केंद्र सरकार से कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने मोदी सरकार पर हमला किया है. वहीं, किसानों ने 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने की चेतावनी दी है. 14 दिसंबर को बीजेपी नेताओं के घरों के बाहर के साथ रिलायंस और अडानी के टॉल प्लाजा पर धरना देने का ऐलान किया है. इन सबके बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सलाह दी है.

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किसानों की परीक्षा ना ले सरकार- शरद पवार

पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है सरकार को कृषि कानूनों पर विचार करना चाहिए. इन कानूनों को बिना राजनीतिक दलों से चर्चा के पास किया गया है. विपक्षी दलों की बातों को दरकिनार करते हुए सरकार ने कानूनों को लागू किया है. शरद पवार ने मोदी सरकार को कानूनों पर पुनर्विचार की सलाह दी है. उनका कहना है किसानों का आंदोलन दिल्ली तक सीमित है. आने वाले दिनों में आंदोलन देशभर में फैल सकता है. केंद्र सरकार को चाहिए कि वो किसानों की सुनें. उनके धैर्य की परीक्षा नहीं ले.


कृषि मंत्री की अपील के बावजूद आंदोलन जारी

शरद पवार के मुताबिक केंद्र सरकार किसानों की बातों को सुनने के लिए तैयार नहीं है. यही कारण है कि आंदोलन जारी है. अगर किसान आंदोलन की बात करें तो शुक्रवार को प्रदर्शन का 16वां दिन रहा. किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत में भी कोई हल नहीं निकला है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से धरना तोड़ने की अपील की है. इसके बावजूद आंदोलन खत्म नहीं हुआ.

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आंदोलन के बीच पोस्टर पर सियासी संग्राम

किसानों के प्रदर्शन के दौरान टिकारी बॉर्डर पर शरजील इमाम समेत कई लोगों के पोस्टर भी दिखे थे. इसको लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों को नसीहत भी दी है. उन्होंने कहा है कि किसानों को इससे दूर रहना चाहिए. इस तरह की कोशिश काफी खतरनाक है. उन्होंने सवाल किया है कि इस तरह के पोस्टर्स का आंदोलन से क्या लेना-देना है? दूसरी तरफ शरद पवार ने मोदी सरकार को कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है. इन सबके बीच दिल्ली में किसान संगठनों का आंदोलन जारी है.

Posted : Abhishek.

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