केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को पत्र लिखा है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाये जा रहे भ्रम से बचें. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और किसानों के बीच झूठ की दीवार खड़ी करने की साजिश रची जा रही है. इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से आग्रह किया है कि वे जरूर कृषि मंत्री के पत्र को पढ़ें.
कृषि मंत्री के ट्वीट और पत्र को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है. सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं.
क्या है कृषि मंत्री के पत्र में ?
किसानों के नाम लिखे एक पत्र में तोमर ने दावा किया कि तीन कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि में नये अध्याय की नींव बनेंगे, किसानों को और स्वतंत्र तथा सशक्त करेंगे. कृषि कानूनों को ऐतिहासिक करार देते हुए तोमर ने कहा कि इन सुधारों को लेकर उनकी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है और कई किसान संगठनों ने इनका स्वागत किया है.
Agriculture Minister Narendra Singh Tomar has expressed his feelings by writing a letter to the farmer brothers & sisters, trying to have a polite dialogue. I request all Annadatas to read it. I also urge countrymen to make it reach to as many people as possible: PM Narendra Modi https://t.co/g7QLzQqvUF pic.twitter.com/heekI94F6X
— ANI (@ANI) December 17, 2020
उन्होंने कहा कि वह इससे बहुत खुश हैं और किसानों में एक नई उम्मीद जगी है. देश के अलग-अलग क्षेत्रों से ऐसे किसानों के उदाहरण भी लगातार मिल रहे हैं, जिन्होंने नए कानूनों का लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन कृषि सुधार कानूनों का दूसरा पक्ष ये है कि किसान संगठनों में एक भ्रम पैदा कर दिया गया है. उन्होंने कहा, देश का कृषि मंत्री होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं. मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है उसकी सच्चाई और सही वस्तु स्थिति आपके सामने रखूं.
तोमर ने कहा कि नए कानून लागू होने के बाद इस बार खरीद के लिए पिछले रिकॉर्ड टूट गए हैं. सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नए रिकॉर्ड बनाए हैं और वह खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ा रही है. उन्होंने कहा, लेकिन कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी. किसानों से आग्रह है कि राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित कुछ लोगों द्वारा फैलाए जा रहे इस सफेद झूठ को पहचानें और इसे सिरे से खारिज करें.
तोमर ने कहा कि जो सरकार किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दे रही है और जिसने पिछले छह साल में एमएसपी के जरिए लगभग दोगुनी राशि किसानों के खाते में पहुंचाई, वह सरकार एमएसपी कभी बंद नहीं करेगी. उन्होंने कहा, एमएसपी जारी है और जारी रहेगी. मंडिया चालू हैं और चालू रहेंगी. एपीएमसी को और अधिक मजबूत किया जा रहा है. कृषि उपज मंडियां पहले की तरह काम करती रहेंगी. बीते 5 वर्षों में कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं. उन्हें आने वाले समय में और आधुनिक बनाया जाएगा.
मंत्री ने कहा कि जिन लोगों की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है वह लोग पूरी तरह से यह काल्पनिक झूठ फैला रहे हैं कि किसानों की जमीन छीन ली जाएगी. उन्होंने कहा, कानून में साफ उल्लेख है कि जमीन पर किसान का ही मालिकाना हक रहेगा. सरकार नीयत और नीति दोनों से किसानों के लिए प्रतिबद्ध है. तोमर ने कहा, इस पत्र के माध्यम से आप से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि ऐसे किसी भी बहकावे में आए बिना तथ्यों के आधार पर चिंतन मनन करें.
आपकी हर शंका आशंका को दूर करना, उसका उत्तर देना हमारी सरकार का दायित्व है. हम अपने इस दायित्व से ना कभी पीछे हटे हैं, ना कभी पीछे हटेंगे. उन्होंने कहा, आप विश्वास रखिए, किसानों के हित में किए गए सुधार भारतीय कृषि में नए अध्याय की नींव बनेंगे, देश के किसानों को और स्वतंत्र करेंगे, सशक्त करेंगे. इन्हीं सुधारों की उर्जा से हम मिलकर भारत की कृषि को समृद्ध और संपन्न बनाएंगे.
posted by – arbind kumar mishra