Farmers Protest : किसानों के समर्थन में कल उपवास पर रहेंगे केजरीवाल, मोदी सरकार को दे डाली चेतावनी
Farmers Protest, Arvind Kejriwal, Modi government, farmers anti-national, one-day fast tomorrow, support of farmers किसानों ने कल के उपवास को भी समर्थन मिलने लगा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उपवास में रहने की घोषणा कर दी है. उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी को बड़ी चेतावनी भी दे डाली और कहा, देश के किसानों को एंटी नेशनल कहने की हिम्मत मत करना.
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 18 दिन जारी है. दिल्ली के सिंधू बॉर्डर पर अब भी किसान अपनी मांगों को लेकर जमे हुए हैं. किसानों के साथ-साथ आंदोलन में कई पूर्व सैनिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, गायक, मशहूर हस्तियां, डॉक्टर, व्यापारी उतर चुके हैं. इधर किसानों ने कल के उपवास को भी समर्थन मिलने लगा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उपवास में रहने की घोषणा कर दी है. उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी को बड़ी चेतावनी भी दे डाली और कहा, देश के किसानों को एंटी नेशनल कहने की हिम्मत मत करना.
उन्होंने कहा, किसानों ने कल एक दिन के उपवास का ऐलान किया है. उन्होंने अपील की है देश की जनता से कि किसानों के समर्थन में सब लोग एक दिन का उपवास रखें. मैं भी कल उनके साथ एक दिन का उपवास रखूंगा.
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से एक सवाल भी पूछा है. उन्होंने कहा, कुछ केंद्रीय सरकार के मंत्री और भाजपा नेता कह रहे हैं कि किसान राष्ट्र-विरोधी हैं. कई पूर्व सैनिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, गायक, मशहूर हस्तियां, डॉक्टर, व्यापारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं. बीजेपी से पूछना चाहते हैं कि क्या ये सभी लोग भी देशद्रोही हैं ?
#WATCH | जिस तरह से हमारे आंदोलन को उन दिनों में कांग्रेस के द्वारा बदनाम करने की कोशिश की जा रही थी। आज वही कोशिश किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा और सत्ता पक्ष कर रहा है: दिल्ली CM pic.twitter.com/OZd9jgbFGE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2020
केजरीवाल ने कहा, जिस तरह से हमारे आंदोलन को उन दिनों में कांग्रेस के द्वारा बदनाम करने की कोशिश की जा रही थी. आज वही कोशिश किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा और सत्ता पक्ष कर रहा है.
कुछ लोग कह रहे हैं कि इसमें पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान इसमें शामिल हैं बाकि जनता इसमें शामिल नहीं है. यह गलतफहमी है क्योंकि अभी हाल ही में मैं एक शादी में गया था तो वहां मैंने लोगों से पूछा तो वहां पर मिडिल क्लास और अपर क्लास ने मुझे कहा कि यह कृषि कानून बहुत ही खतरनाक हैं.
गौरतलब है कि किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं, दूसरी ओर सरकार ने भी साफ कर दिया है कि वह किसी भी हाल में कानून को रद्द नहीं करेगी. हालांकि सरकार कानून में संशोधन के लिए राजी हो गयी है. लेकिन सरकार के इस प्रस्ताव को भी किसानों ने नकार दिया है. अब सोमवार को दिल्ली के सिंधू बॉर्डर पर किसान नेता उपवास पर बैठने वाले हैं. इसके अलावा किसानों ने 18 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी आंदोलन की भी चेतावनी दी है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra