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Farmers Protest Bharat Bandh : किसान संगठन में पड़ी दरार ? भारत बंद से पहले एक गुट ने किया कृषि कानून का समर्थन

Farmers Protest, Bharat Bandh 2020, agriculture law, Agriculture Minister, Narendra Singh Tomar केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों के भारत बंद से पहले बड़ी खबर आ रही है. खबर है किसान संगठनों में दरार पड़ गयी है. किसानों के एक संगठन ने कृषि कानून का समर्थन किया है. हालांकि संगठन द्वारा कानून में संशोधन की मांग भी की गयी है.

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून (agriculture law) के खिलाफ किसानों के भारत बंद (Bharat Bandh 2020) से पहले बड़ी खबर आ रही है. खबर है किसान संगठनों में दरार पड़ गयी है. किसानों के एक संगठन ने कृषि कानून का समर्थन किया है. हालांकि संगठन द्वारा कानून में संशोधन की मांग भी की गयी है.

कृषि कानून के समर्थन में कृषि मंत्री से मिला किसानों का एक संगठन

हरियाणा के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर तीनों नये कृषि कानूनों को लेकर समर्थन जताया है. प्रतिनिधिमंडल ने तीनों कानूनों को निरस्त करने के बजाए उनमें कुछ संशोधन की मांग की है. प्रतिनिधिमंडल ने यह समर्थन ऐसे समय जताया है, जब हजारों की संख्या में किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर नये कृषि कानूनों को समाप्त करने की मांग को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं.

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हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने इसे प्रगतिशील किसानों का प्रतिनिधिमंडल बताया. उन्होंने कहा कि पद्मश्री से सम्मानित कमल सिंह चव्हान की अगुवाई में समूह के सदस्यों ने तोमर से मुलाकात की और सितंबर में बने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया.

हालांकि प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सरकार को इन कानूनों के कुछ प्रावधानों को संशोधन करना चाहिए, इसे निरस्त करने की जरूरत नहीं है. प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने कहा कि वे कृषक हैं और किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि हैं.

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प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान यूनियन (अतर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतर सिंह संधु शामिल हैं. बैठक भारत बंद से एक दिन पहले हुई. हालांकि, प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बैठक नौ दिसंबर को प्रस्तावित है. सरकार और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पायी है.

विरोध कर रहे किसान इन कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग पर अड़े हैं. सरकार का कहना है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं. इनसे किसानों को उपनी उपज देश में कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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