Farmers Protest : दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर पिछले 31 दिनों से जमे हजारों किसानों ने आज केंद्र सरकार को एक बार फिर से चिट्ठी भेजी है. जिसमें उन्होंने 29 दिसंबर को सुबह 11 बैठक आयोजित करने की मांग की है.
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने बताया, 24 किसान संगठनों के नेताओं ने आज बैठक में हिस्सा लिया और सभी ने सरकार के साथ बातचीत फिर शुरू करने का निर्णय लिया. 29 दिसंबर को बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव है. उन्होंने बताया, नये कृषि कानूनों को समाप्त करने के तौर-तरीके, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी सरकार के साथ के बातचीत का मुख्य एजेंडा होगा.
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर ये प्रस्ताव रख रहे हैं कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए.
हालांकि किसान अब भी केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी पूरानी मांग पर अब भी अड़े हुए हैं. चिट्ठी में किसानों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें एमएसपी पर गारंटी दी जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा है कि बैठक में बिजली बिल, प्रदूषण अध्यादेश में बदलाव पर बात हो.
योगेंद्र यादव ने बैठक के बाद प्रेस वार्ता में कहा, सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके बताए और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी प्रदान करे. राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं, किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में जरूरी बदलाव.
बैठक का एजेंडा ये हो और इस क्रम में हो- तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए अपनाई जाने वाली क्रियाविधि, सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए स्वामीनाथन कमीशन द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गांरटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान.
यूनियन नेता दर्शन पाल ने बताया, किसान केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ 30 दिसम्बर को कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च करेंगे. हम दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे प्रदर्शनकारी किसानों के साथ नये साल का जश्न मनाएं.
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, समाधान निकालना किसान के हाथ में नहीं है, समाधान सरकार निकालेगी. किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं. किसान हारेगा तो सरकार हारेगी और किसान जीतेगा तो सरकार जीतेगी.
Posted By – Arbind kumar mishra