Farmers Protest : कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर किसानों ने मनायी लोहड़ी, दे दी बड़ी चेतावनी, देखें तसवीरें
Farmers Protest, Farmers burn copies of farm laws on Lohri, kisan aandolan ka kya hua दिल्ली की सीमाओं पर करीब 50 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी मनायी. संयुक्त किसान मोर्चा के परमजीत सिंह ने कहा कि अकेले सिंघू बॉर्डर पर ही कृषि कानूनों की एक लाख प्रतियां जलाई गईं.
दिल्ली की सीमाओं पर करीब 50 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी मनायी. संयुक्त किसान मोर्चा के परमजीत सिंह ने कहा कि अकेले सिंघू बॉर्डर पर ही कृषि कानूनों की एक लाख प्रतियां जलाई गईं. प्रदर्शन में शामिल हरियाणा के एक किसान गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा, उत्सव इंतजार कर सकते हैं. केंद्र की ओर से जिस दिन इन काले कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग को मान लिया जाएगा, हम उसी दिन सभी त्योहारों को मनाएंगे.
दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कतार में लकड़ियां एकत्र कर जलाई गईं और उसके चारों तरफ घूमते हुए किसानों ने नये कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने नारे लगाए, गीत गाए और अपने आंदोलन की जीत की प्रार्थना की.
किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा, हमने 3 कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार को संदेश दिया है कि इसी तरह ये बिल एक दिन हमारे गुस्से की भेंट चड़ेंगे और सरकार को कानून वापस लेने पड़ेंगे. उन्होंने कहा, 18 तारीख को महिलाएं पूरे देश में बाजारों में, SDM दफ्तरों, जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगी.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, आंदोलन में कोई देश विरोधी बातें कर रहा है तो सरकार उसे गिरफ्तार करे. कृषि कानून कैसे खत्म हो सरकार इस पर काम करे. सरकार ने 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर बैन लगाया है तो हम 10 साल पुराने ट्रैक्टर को दिल्ली की सड़कों पर चला कर दिखाएंगे.
पंजाब के बरनाला जिले से आए 34 वर्षीय किसान राजबीर सिंह ने कहा, यह लोहड़ी संघर्षों से भरी है. इस बार घर में हर साल मनाई जाने वाली लोहड़ी के दौरान होने वाले नृत्य और गीत जैसा उत्साह नहीं है. हालांकि, मैं यहां प्रदर्शन में शामिल होकर खुश हूं और अपने किसान परिवार के साथ उत्सव मना रहा हूं. उन्होंने कहा, आज, हमनें प्रतियां जलाई हैं और कल, केंद्र इन्हें जलाएगा. उन्हें ऐसा करना पड़ेगा, हम उन्हें ऐसा करने को मजबूर कर देंगे.
गौरतलब है कि हजारों किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ 28 नवम्बर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. इस साल सितम्बर में अमल में आये तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे. दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कॉरपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी.
Posted By – Arbind kumar mishra