30 दिन क्या 300 दिनों तक आंदोलन के लिए तैयार हैं, जब तक सरकार कृषि कानून वापस नहीं ले लेती है, तब तक हम दिल्ली के बॉर्डरों पर जमे रहेंगे. यह कहना है सिंधू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे एक किसान की. टीवी चैनल के साथ बातचीत में प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, हम यहां से तब तक नहीं हिलेंगे, जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मान लेती है.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 24 किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन लगातार 30वें दिन भी जारी है. हालांकि किसान संगठनों ने शनिवार को बैठक की और सरकार को बातचीत के लिए प्रस्ताव भेजा है. किसानों ने सरकार को अपना एजेंडा बताया और कहा कि 29 दिसंबर को 11 बजे सुबह उन्हें बातचीत के लिए बुलाया जाए. इसके अलावा किसानों ने सरकार से साफ कर दिया है कि वो कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग से पीछे हटने वाले नहीं हैं.
बहरहाल पिछले एक महीने से कड़ाके की ठंड के बीच भी किसानों का हौसल बुलंद है और अपनी मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. हाड़ कंपाने वाली ठंड में भी किसानों का जोश हाई है, आखिर यह कैसे संभव हो पा रहा है.
मालूम हो किसानों के प्रदर्शन को तकनीक मजबूत बना रही है. सिंधू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर में सौंकड़ों मशीनें किसान की सेवा के लिए लगे हुए है. किसानों को भोजन कराने के लिए लंगर की व्यवस्था है. हाईटेक स्टीम मशीन की मदद से लंगर के भोजन तैयार हो रहे हैं. जिसे खुद किसानों ने तैयार किया है. मजेदार बात है कि उस मशीन से आधे घंटे में ही 3000 किसानों का भोजन तैयार हो जाता है. उसी तरह रोटी बनाने की भी मशीन लगी हुई है.
किसानों को ठंड से बचाने के लिए जगह-जगह पर अलाव की व्यवस्था है, तो नहाने के लिए गर्म पानी की भी पांच मिनट में उपलब्ध हो जा रही है. गर्म पानी के लिए जुगाड़ से गिजर बनायी गयी है, जिसमें थोड़ा सा ईंधन की जरूरत होती है और पांच मिनट में ही गर्म पानी निकलने लगता है. किसानों को कड़ाके की ठंड में गिजर फ्री में बांटा जा रहा है. इसके अलावा किसानों की थकान मिटाने के लिए भी खास तरह की कुर्सी की व्यवस्था की गयी है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने दिल्ली बॉर्डर को जाम कर रखा है. किसान कानून रद्द करना की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि सरकार ने साफ कर दिया है कि कृषि कानून किसानों के हित को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, उसे किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा. हालांकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि कानूनों में अगर जरूरत पड़ी तो संशोधन किया जा सकता है.
Posted By – Arbind kumar mishra