Farmers Protest : किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने कर ली तैयारी ? ये है प्लान

Farmers Protest, farmer movement, agricultural legislation कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार 19वें दिन जारी है. अब तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है. किसान अपनी मांगों को लेकर अबभी अड़े हैं, तो सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा. हालांकि सरकार संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन किसान संगठन इसपर अपनी असहमति जता दी है. अब किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने बड़ा प्लान कर लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2020 9:33 PM

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार 19वें दिन जारी है. अब तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है. किसान अपनी मांगों को लेकर अबभी अड़े हैं, तो सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा. हालांकि सरकार संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन किसान संगठन इसपर अपनी असहमति जता दी है. अब किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने बड़ा प्लान कर लिया है.

सरकार अब तीन नये कृषि कानूनों के प्रति समर्थन जुटाने के लिये मंगलवार को चार दिवसीय अभियान की शुरुआत करेगी. अभियान के दौरान किसानों को कृषि सुधारों की विशेषताएं बतायी जाएंगी और इन कानूनों के बारे में विपक्षी दलों द्वारा फैलाई जा रहीं गलतफहमियों को दूर किया जाएगा.

भाजपा ने बताया, किसानों के साथ 16 प्रमुख सम्मेलनों के साथ कई चौपाल बैठकें भी आयोजित की जाएंगी. कई राष्ट्रीय और दिल्ली भाजपा के नेता सम्मेलनों को संबोधित करेंगे. उसी तरह जन जागरुकता लाने के लिए भाजपा मध्यप्रदेश में दो दिवसीय किसान सम्मेलन आयोजित करेगी और उसके बाद जिले, मंडल एवं गांव-गांव में चौपाल लगाएगी.

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मालूम हो कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आये हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे ‘काला कानून’ बताते हुए इनका विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि इससे मंडियां खत्म हो जाएंगी, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की परिपाटी समाप्त हो जाएगी और किसान कॉरपोरेट्स के हाथों मजबूर हो जाएगा.

जबकि केंद्र सरकार सितंबर, 2020 में बने इन कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के रूप में पेश कर रही है जो बिचौलियों को खत्म करेंगे और किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की अनुमति देंगे. किसान तीनों कानूनों को रद्द करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग कर रहे हैं.

posted by – arbind kumar mishra

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