Farmers Protest: अपनी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. पंजाब हरियाणा की दिल्ली से लगती सीमाओं पर बीते पांच दिनों से डटे हैं आज उनके आंदोलन का छठा दिन हैं. किसान अपनी दिल्ली चलो मार्च के लिए बॉर्डर पर डटे हैं. वहीं किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों की आज चौथे दौर की बातचीत भी होने वाली है. इससे पहले गुरुवार को दोनों के बीच वार्ता हुई थी. पांच घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद भी किसी बात पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन सकी. गौरतलब है कि आज एक बार फिर बैठक हो रही है. यह मीटिंग ऐसे वक्त में हो रही है जब हजारों किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी में डटे हुए हैं और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में आने के लिए रोकने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षा बल तैनात हैं.
आज होनी है केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक
अपनी विभिन्न मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच आज यानी रविवार को चौथे दौर की बैठक होने वाली है. इससे पहले गुरुवार को पांच घंटे तक दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई. हालांकि बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. किसानों का आंदोलन अब भी जारी है. इससे पहले आठ फरवरी और 12 फरवरी को किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी. वो बैठक भी बेनतीजा रही थी.
सरकार अन्नदाताओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध- अर्जुन मुंडा
किसानों की मांग को लेकर आज होने वाली बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा काफी उत्साहित हैं. उन्होंने मुलाकात को लेकर कहा कि भारत सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हमें शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत जारी रखने की जरूरत है. मुंडा ने कहा कि हमने तीन बार बातचीत की है. आगे भी हमारी बातचीत जारी रहेगी. बता दें आज यानी रविवार को एक बार फिर किसानों और केंद्रीय मंत्रियों की बैठक होने वाली है.
MSP पर कानूनी गारंटी के लिए अध्यादेश लाने की मांग
इधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केन्द्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए अध्यादेश लाने की शनिवार को मांग की और कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर इस उम्मीद से देख रहा है कि वह किसानों की मांगों को पूरा करेंगे. किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंधेर ने उम्मीद जताई कि केंद्रीय मंत्रियों के साथ रविवार की बैठक के बाद किसानों को अच्छी खबर मिलेगी. उन्होंने कहा कि अब गेंद सरकार के पाले में है. पंधेर का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच कल रविवार को चौथे दौर की वार्ता होनी है. पंधेर ने कहा कि केन्द्र के पास राजनीतिक निर्णय लेने का अधिकार है. उन्होंने कहा, अगर केन्द्र सरकार चाहे तो वह रातों रात अध्यादेश ला सकती है. अगर सरकार किसानों के आंदोलन का कोई समाधान चाहती है तो उसे यह अध्यादेश लाना चाहिए कि वह एमएसपी पर कानून लागू करेगी, तब बातचीत आगे बढ़ सकती है.
क्या है किसानों की मांग
गौरतलब है कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग पर अड़े हैं. भाषा इनपुट के साथ
Congress: कांग्रेस को फिर लग सकता है बड़ा झटका, एक और दिग्गज नेता छोड़ सकते हैं पार्टी! बीजेपी के संपर्क में मनीष तिवारी : Farmers Protest: किसानों के साथ केंद्रीय मंत्रियों की आज अहम बैठक, आंदोलन के बीच बन सकती है बात..! किसानों को है यह उम्मीद