दिल्ली में डटे किसानों ने मोदी सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, देश में कॉरपोरेट्स के लिए कानून बनते हैं और…
Farmers protest in Delhi : संविधान ने हमें जनता द्वारा, जनता के लिए जनता का शासन उपलब्ध कराया है, लेकिन हमारे देश में आजकल कॉरपोरेट द्वारा, कॉरपोरेट के लिए कॉरपोरेट का शासन हो गया है. कानून कॉरपोरेट्स के लिए बनता और आम जनता का शोषण होता है. उक्त बातें भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कही.
नयी दिल्ली : संविधान ने हमें जनता द्वारा, जनता के लिए जनता का शासन उपलब्ध कराया है, लेकिन हमारे देश में आजकल कॉरपोरेट द्वारा, कॉरपोरेट के लिए कॉरपोरेट का शासन हो गया है. कानून कॉरपोरेट्स के लिए बनता और आम जनता का शोषण होता है. उक्त बातें भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कही.
वही भारतीय किसान यूनियन के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि हम सभी राज्यों के किसानों के साथ बैठक नहीं कर सकते थे. हमने सिर्फ पंजाब के 30 किसान संगठनों के साथ बैठक की. हमने मोदी द्वारा दिये गये सशर्त निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है.
Constitution provides for rule of the people, by the people, & for the people, but now it has become rule of the corporates, by the corporates & for the corporates. Laws are being made for corporates, & people are being exploited: Gurnam Singh, Bhartiya Kisan Union (Haryana) Pres pic.twitter.com/sDBFQMsSBl
— ANI (@ANI) November 30, 2020
गौरतलब है कि कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान सिंघु बार्डर पर डेरा जमाये हुए हैं. उनका कहना है कि वे सशर्त वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं. किसानों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए आये हैं और अपना हक लेकर रहेंगे.
किसानों का कहना है कि कृषि कानून किसानों के खिलाफ हैं इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों को बहकाया जा रहा है इस कानून में उनका हित है. सरकार एमएसपी और मंडी को लेकर कोई गलत फैसला नहीं करेगी.
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दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बहुत ज्यादा है यही कारण है कि विशेषज्ञों ने चिंता जतायी है कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान जिन स्थानों पर एकत्र हैं, वहां से कोविड-19 के गंभीर प्रसार की आशंका है, यहां अनेक किसानों ने मास्क नहीं पहन रखे हैं. वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि उनके लिए नए कृषि कानून कोरोना वायरस से अधिक बड़ा खतरा हैं.
किसान सोमवार को पांचवें दिन भी राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं और दिल्ली के बुराड़ी मैदान में डटे रहे. इनमें से ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी किसान उनका साथ देने पहुंचे हैं. दिल्ली में हर रोज महामारी के मामले बढ़ने के बीच विशेषज्ञों की चिंता किसानों के जमघट के चलते और भी गहरा गई है.
Posted By : Rajneesh Anand