Kisan Aandolan हरियाणा के जिंद में किसानों की महापंचायत शुरू हो गयी है. किसानों की इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट की मौजूदगी में जींद में आयोजित किसानों की महापंचायत में कृषि बिल को वापस लेने का प्रस्ताव पास किया गया है. इस महापंचायत में किसानों ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग की है. इसके अलावा लापता किसानों का पता लगाने और किसानों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग भी की है.
आंदोलनकारी किसानों ने स्पष्ट तौर पर मांग करते हुए कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले और गिरफ्तार लोगों को जल्द से जल्द रिहा करे. वहीं, राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार के पास अक्टूबर तक का वक्त है. अगर सरकार नहीं मानी तो हम 44 लाख टैक्टर के साथ मार्च करेंगे. इससे पहले भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार तीनों कानून वापस ले ले, एमएसपी पर कानून बना दे और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू कर दे. किसान आंदोलन खत्म करके दिल्ली की सीमाओं से अपने घर चले जाएंगे.
किसान आंदोलन में वहीं, गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को आंदोलनकारी किसानों की ओर से निकाले गये टैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में हुए हिंसा मामले में पुलिस गंभीरता से जांच में जुटी है. इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने लाल किले में हुई हिंसा को लेकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. हिंसा के सिलसिले में अब तक 38 मामले दर्ज किए हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया है.
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की अगुवाई में 18 नवंबर 2004 को राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया गया था. आयोग ने 4 अक्टूबर 2006 को अपनी पांचवीं और अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. रिपोर्ट का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में व्यापक एवं स्थायी बदलाव लाने के साथ-साथ खेती को कमाई एवं रोजगार का जरिया बनाना था. इसने आयोग की प्रमुख सिफारिशों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय किसान नीति को भी तैयार किया था, जिसमें से 201 एक्शन पॉइंट को लागू करने योजना बनायी गयी थी. इसके क्रियान्वयन की निगरानी करने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन हुआ था.
दस्तावेज के मुताबिक आईएमसी की अब तक कुल आठ बैठकें हुई हैं, जिसमें से सिर्फ तीन बैठक मोदी सरकार के कार्यकाल में हुई है. इसकी पहली बैठक 14 अक्टूबर 2009 को हुई थी, जबकि, आखिरी बैठक आठ अप्रैल 2019 को हुई थी. सरकार का कहना हे कि नये कानून राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिशों पर आधारित हैं. वैसे यदि एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन समिति) के बाहर कृषि उपज की खरीद-बिक्री की इजाजत देने वाले कानून किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020 के संदर्भ में बात करें तो स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों में ये जरूर कहा गया है कि एपीएमसी व्यवस्था में तत्काल बदलाव लाने की जरूरत है. हालांकि, रिपोर्ट में कहीं भी ये नहीं कहा गया है कि केंद्र सरकार इसे लेकर कानून बना सकती है. आयोग ने राज्यों को उनके एपीएमसी एक्ट में बदलाव करने की सिफारिश की थी.
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Upload By Samir Kumar