Farmers Protest: एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग पर अड़े हजारों किसानों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को एक बार फिर से खारिज कर दिया और 21 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सोमवार को शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने साफ कर दिया कि केंद्र सरकार ने एमएसपी को लेकर जो प्रस्ताव चौथी वार्ता में दिया है, उसे किसान मानने वाले नहीं हैं.
सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नहीं है…ये किसानों के पक्ष में नहीं : किसान नेता
शम्भू बॉर्डर पर बैठक के बाद प्रेस वार्ता करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, किसान नेताओं ने एमएसपी पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, अगर उसे नाप तौल किया जाए, तो उसमें कुछ नहीं दिख रहा है. विश्लेषण करें तो सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नहीं है. ये किसानों के पक्ष में नहीं है. हम इसे खारिज करते हैं.
किसान नेताओं ने पंजाब सरकार पर भी उठाया सवाल, बॉर्डर पर किसानों पर कार्रवाई की निंदा की
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पंजाब की भगवंत मान सरकार पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, जिस तरह से (शंभू) बॉर्डर पर किसानों के साथ व्यवहार किया गया वह निंदनीय है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को बैठकों में आमंत्रित करने का मुख्य कारण सीमा पर बैरिकेडिंग का मुद्दा उठाना था और उनके राज्य (पंजाब) के लोगों को पड़ोसी राज्य से आंसू गैस की गोलाबारी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने स्थिति पर ध्यान देने की गारंटी दी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्हें यह मुद्दा मंत्रियों के सामने रखना चाहिए था.
किसान नेताओं ने पैलेट गन के प्रयोग पर सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने का किया आग्रह
किसान नेताओं ने पैलेट गन के प्रयोग पर सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया. किसान नेता ने कहा, आज हरियाणा के डीजीपी ने अपने बयान में कहा कि हमने पैलेट गन और आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं किया है. हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि जिन लोगों ने यह कृत्य किया है, उनके खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया जाए.
किसान नेता पंढेर ने पंजाब सरकार पर केंद्र के साथ मिलीभगत का लगाया आरोप
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब सरकार पर एनडीए के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, आप कहते हैं कि कानूनी रास्ता अपनाएंगे, तो आगे बढ़ें. मुझे नहीं लगता कि केंद्र सरकार के पास राज्य सरकार की सहमति के बिना इंटरनेट बंद करने का पर्याप्त अधिकार है. बच्चों की पढ़ाई में नुकसान होगा. कौन जिम्मेदार होगा?
चौथे दौर की वार्ता में सरकार ने किसानों को क्या दिया था प्रस्ताव
किसानों के साथ रविवार रात चौथे दौर की बातचीत के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ जैसी सहकारी समितियां ‘अरहर दाल’, ‘उड़द दाल’, ‘मसूर दाल’ या मक्का का उत्पादन करने वाले किसानों के साथ एक अनुबंध करेंगी ताकि उनकी फसल को अगले पांच साल तक एमएसपी पर खरीदा जाए. उन्होंने कहा था, खरीद की मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी और इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जाएगा. गोयल ने यह भी प्रस्ताव दिया था कि भारतीय कपास निगम उनके साथ कानूनी समझौता करने के बाद पांच साल तक किसानों से एमएसपी पर कपास खरीदेगा.