Farmers Protest तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. हालांकि, इस मामले को लेकर सरकार किसान नेताओं से बातचीत के लिए तैयार है. वहीं, कुछ किसान संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गयी चार सदस्यीय समिति पर कई तरह के सवाल उठाये जा रहे है. किसान नेताओं का कहना है कि इस मामले में समिति का गठन कर सरकार किसानों के मांगों को टालने के प्रयास में जुटी है. इस सबके बीच किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोट की ओर से बनायी गयी समिति से बीकेयू अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान से अपना नाम वापस ले लिया है.
Bhupinder Mann, a member of the SC-formed committee over #FarmLaws, recuses himself from it.
— ANI (@ANI) January 14, 2021
"In view of prevailing sentiments & apprehensions amongst farm unions & public, I'm ready to sacrifice any position so as not to compromise Punjab & farmers' interests," his letter reads
बताया जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह मान के इस फैसले से किसानों और सरकार के बीच बातचीत कराने की शीर्ष अदालत की कोशिश को झटका लगा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों और सरकार के बीच सुलह की कोशिशों के मद्देनजर चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इस बीच आज चार सदस्यों में से एक भूपेंद्र सिंह मान ने अपना नाम वापस ले लिया है. जिसके बाद सरकार और किसान संगठनों के बीच 15 जनवरी को प्रस्तावित बातचीत को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित चार सदस्यों की कमेटी में भूपेंद्र सिंह मान के अलावा डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल धनवत को शामिल गया था. इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. किसान संगठनों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड के मौके पर ट्रैक्टर मार्च का ऐलान भी किया है. सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर सोमवार को सुनवाई करेगा.
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