Farmers Protest : सरकार कृषि बिल वापस ले और एमएसपी पर नया कानून बनाएं, किसान महापंचायत में बोले राकेश टिकैत
Farmers Protest Kisan Mahapanchayat In Haryana Latest News Updates तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को देशभर में चक्का जाम के आयोजन के बाद आज हरियाणा के भिवानी के कितलाना टोल में किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया. किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि युवा अभी सिर्फ आंदोलन वापसी की मांग कर रहा है. अगर उसने कुर्सी वापसी की मांग कर ली तब क्या होगा. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के पास वक्त है कि वह कानून वापस ले और एमएसपी पर नया कानून बनाएं.
Farmers Protest Kisan Mahapanchayat In Haryana Latest News Updates तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को देशभर में चक्का जाम के आयोजन के बाद आज हरियाणा के भिवानी के कितलाना टोल में किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया. किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि युवा अभी सिर्फ आंदोलन वापसी की मांग कर रहा है. अगर उसने कुर्सी वापसी की मांग कर ली तब क्या होगा. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के पास वक्त है कि वह कानून वापस ले और एमएसपी पर नया कानून बनाएं.
Youth here has asked for repealing of (farm) laws for now, what will happen if they asked to leave their posts? Govt has time to withdraw bill & make law on MSP. We'll not tolerate how our people were deceitfully taken to Red Fort: BKU's Rakesh Tikait at mahapanchayat in Haryana pic.twitter.com/6vqFRomcfg
— ANI (@ANI) February 7, 2021
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भिवानी के कितलाना टोल किसान महापंचायत के अलावा चरखी दादरी की महापंचायत में भी पहुंचे. राकेश टिकैत ने कहा कि हम पूरे देश में जाएंगे. सरकार हमारी मांगे मान ले. उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान आंदोलनकारियों को धोखे से लाल किले पर ले जाया गया. उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारियों की है और हमें गरीबों को जोड़ने की जरूरत है. राकेश टिकैत ने सरकार पर निशाना साधते हुए आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांग की.
बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होगा, तब तक घर नहीं जाएंगें. हमारा संगठन सभी बिरादरी का है और किसानों का यह आंदोलन सिर्फ जाटों का नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे मनोबल को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. हम सरदारों को नहीं छोड़ सकते. महिलाओं के गुस्से का वक्त आने पर इस्तेमाल किया जाएगा.
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