सरकार और किसान संगठनों के बीच 7वें दौर की वार्ता आज भी बेनतीजा खत्म हो गयी. किसान अब भी कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े रहे. बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया, आज की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया, सरकार और किसान संगठनों के बीच आठ जनवरी को फिर से वार्ता होगी. उन्होंने वार्ता बेनतीजा होने की वजह बतायी कि बातचीत बेनतीजा रही क्योंकि यूनियन के नेता तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे.
कृषि मंत्री तोमर ने किसानों का सरकार में विश्वास नहीं होने संबंधी आशंका से इनकार किया और कहा कि भरोसे के बिना किसान संगठन अगली बैठक के लिए सहमत नहीं होते. कृषि मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को देशभर के किसानों को ध्यान में रखकर बनाया है. किसान अगर वार्ता के लिए आगे बढ़ते हैं, तो सरकार हमेशा तैयार है, आखिर ताली दोनों हाथों से बजती है.
किसान नेताओं से बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया, चर्चा का माहौल अच्छा था, लेकिन किसान नेताओं के कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया. 8 तारीख को अगली बैठक होगी. किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है.
उन्होंने कहा, चर्चा जिस हिसाब से चल रही है, किसानों की मान्यता है कि सरकार इसका रास्ता ढूंढे और आंदोलन समाप्त करने का मौका दे. इधर किसान यूनियन के नेताओं ने कहा, वे आगे के कदम पर मंगलवार को बैठक करेंगे. उन्होंने बताया, आज की बैठक में वे कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने पर जोर दिया.
सरकार के साथ बैठक के किसान नेता ने कहा, हमने बताया कि पहले कृषि कानूनों को वापिस किया जाये, MSP पर बात बाद में करेंगे. किसान नेता ने बताया, सरकार की ओर से कहा गया कि 8 तारीख को हम सोचकर आएंगे कि ये कानून वापिस हम कैसे कर सकते हैं, इसकी प्रक्रिया क्या हो.
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया, 8 तारीख को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने पर और MSP दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. हमने बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं.
Posted By – Arbind kumar mishra