कृषि कानून सहित कई मांगों को लेकर किसान आंदोलन पर हैं. सरकार ने इन मुद्दों पर किसानों से बातचीत की गयी. इस बैठक में सात घंटे से ज्यादा बैठक चली लेकिन कोई बीच का रास्ता निकलता नजर नहीं आ रहा है हालांकि सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि किसान मुख्य रूप से एमएसपी को लेकर चिंतित है.
विज्ञान भवन में हुई बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि एमएसपी के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गयी है. किसान निश्चित रहें जैसे पहले खरीदारी की जाती थी वैसे ही खरीदारी की जायेगी इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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पिछले आठ दिनों से चल रहे आंदोलन के बाद सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया. लंबी बैठक के बाद भी कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा किसान इन तीनों बिल को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं.
सरकार ने अगले दौर की बातचीत के लिए दोबारा 5 दिसंबर को बुलाया है. किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और इसको लकेर वे दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं. किसान लगातार राष्ट्रीय राजधानी में आकर विरोध प्रदर्शन की कोशिश में लगे हैं. इस प्रदर्शन की इजाजत उन्हें नहीं दी गयी है. आज चौथे दौर की वार्ता भी चली.
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हालांकि आज की बातचीत पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा-एमएसपी को लेकर सरकार का रुख ठीक रहने की उम्मीद, वार्ता ने प्रगति की है. एक तरफ सरकार से बातचीत चल रही है वही किसान आंदोलन को और लोगों का भी साथ मिल रहा है.
इस आंदोलन को अब निहंग सिखों का भी साथ मिल रहा है, सिंघू बार्डर पहुंचे, कृषि बिल के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन. किसान नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम अपनी पुरानी मांग पर आज भी कायम है. हम तीनों कानूनों को वापस किए जाने तक अड़े हुए हैं। आंदोलन वापसी का कोई सवाल ही नहीं है.