केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर जमे हजारों किसानों को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है. 26 जनवरी ट्रैक्टर रैली से पहले सोमवार को देश भर में किसान और किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया जा रहा है. महाराष्ट्र में भी कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया, जिसमें एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने भी हिस्सा लिया. कृषि कानून से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, ठंड के मौसम में, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले 60 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. क्या पीएम ने उनके बारे में पूछताछ की है? क्या ये किसान पाकिस्तान के हैं ?
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से किसान मुंबई के आजाद मैदान में जमा हुए. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, जब तक कानून वापस नहीं होंगे किसानों का आंदोलन नहीं रूकेगा. हम आज रैली करने के बाद राज्यपाल को ज्ञापन देने जाएंगे.
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राजभवन तक मार्च के लिए पुलिस ने नहीं दी मंजूरी
इधर राजभवन तक मार्च करने के तैयारी कर रहे किसानों और राजनीतिक दलों को उस समय झटका लगा, जब मुंबई में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं दी. संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) विश्वास नांगड़े पाटिल ने कहा, बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार दक्षिणी मुंबई में किसी मार्च की अनुमति नहीं है और हम किसानों के प्रतिनिधियों को अदालत के आदेश का पालन करने के लिए कह रहे हैं.
Braving cold weather, farmers from Punjab, Haryana & Uttar Pradesh are agitating for the last 60 days. Has the PM enquired about them? Do these farmers belong to Pakistan?: NCP chief Sharad Pawar addressing farmers' rally in Mumbai in support of farmers protesting in Delhi pic.twitter.com/cgRp7QruXJ
— ANI (@ANI) January 25, 2021
अधिकारी ने कहा, वे हमसे राजभवन तक मार्च करने देने की अपील कर रहे हैं लेकिन हमने उन्हें उच्च न्यायालय का आदेश दिखाया है. अगर वे राजभवन की तरफ जाने के लिए आजाद मैदान से बाहर निकलते हैं तो हम उन्हें रोकने की कोशिश करेंगे और सिर्फ प्रतिनिधिमंडल को ही राजभवन जाने के अनुमति देंगे.
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोग काम के लिए दक्षिणी मुंबई आते हैं और ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था के विस्तृत बंदोबस्त किए गए हैं. अधिकारी ने कहा, हम नहीं चाहते हैं कि लोग मोर्चा की वजह से यातायात जाम का सामना करें. दक्षिणी मुंबई में वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से होगी.
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर हजारों किसान पिछल डेढ़ महीने से जमे हुए हैं. सरकार के साथ उनकी 11वें दौर की वार्ता में विफल हो चुकी है. सरकार कृषि कानूनों पर संशोधन के लिए तैयार है, साथ ही 1 साल तक निलंबित करने का प्रस्ताव भी सरकार की ओर दी गयी है, लेकिन उसे भी किसानों ने खारिज कर दिया. किसानों ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों को रद्द करने से निचे कोई बात नहीं बनेगी.
Posted By – Arbind kumar mishra