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Farmers Protest News : 1 फरवरी आम बजट के दिन संसद मार्च करेंगे किसान, आंदोलन आगे जारी रखने की दी चेतावनी

Farmers Protest News, kisan tractor rally, union budget, February 1, Kisan Union Parliament march दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर पिछले 61 दिनों से कृषि कानूनों को रद्द कराने की अपनी मांग पर अड़े किसानों ने बड़ी चेतावनी दे डाली है. किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनका आंदोलन खत्म होने वाला नहीं है, बल्कि 1 फरवरी के बाद भी जारी रहेगा. किसान नेताओं ने बताया, वे लोग आम बजट के दिन संसद मार्च करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2021 7:43 PM

दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर पिछले 61 दिनों से कृषि कानूनों को रद्द कराने की अपनी मांग पर अड़े किसानों ने बड़ी चेतावनी दे डाली है. किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनका आंदोलन खत्म होने वाला नहीं है, बल्कि 1 फरवरी के बाद भी जारी रहेगा. किसान नेताओं ने बताया, वे लोग आम बजट के दिन संसद मार्च करेंगे.

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा, 1 फरवरी को हम दिल्ली के अलग-अलग जगहों से संसद की ओर पैदल मार्च करेंगे. उन्होंने कहा, हम 1 फरवरी को संसद की ओर कूच करेंगे. इस दिन कैसे कहां जाना है ये हम 28 जनवरी को तय करेंगे.

इधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने आंदोलन जल्द खत्म होने के संकेत दिये हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि किसान आंदोलन जल्द ही खत्म हो जाएगा.

उन्होंने कहा, सरकार किसान और कृषि दोनों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत 6 वर्षों में किसान की आमदनी बढ़ाने, खेती को नयी तकनीक से जुड़ने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं और प्रयास किए गए हैं. MSP को डेढ़ गुना करने का काम भी PM के नेतृत्व में हुआ.

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कृषि मंत्री ने कहा, किसानों के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद जब समाधान नहीं निकला तब मैंने किसान से कहा कि डेढ़ साल के लिए कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित कर देते हैं, SC ने स्थगित किया है तो हम उनसे अनुरोध करेंगे कि थोड़ा और समय दें ताकि उस समय में हम लोग बातचीत के जरिए हल निकाल सकें.

कृषि मंत्री ने कहा, किसान को उसके उत्पादन का सही दाम मिल सके, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो सके इसलिए जहां कानून बनाने की आवश्यकता थी वहां कानून बनाए गए और जहां कानून में बदलाव की आवश्यकता थी वहां कानून में बदलाव भी किए गए. इसके पीछे सरकार और प्रधानमंत्री की साफ नीयत हैं.

Posted By – Arbind kumar mishra

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