Farmers Protest : पीएम मोदी 18 दिसंबर को करेंगे किसानों को संबोधित
Farmers Protest, PM Modi, address farmers on December 18, Madhya Pradesh, Kisan Maha Sammelan, Shivraj Singh Chauhan केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 22 दिनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर हजारों किसान जमे हुए हैं. लेकिन अब तक सरकार के साथ गतिरोध जारी है. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. इस बीच बड़ी खबर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को किसानों को संबोधित करेंगे.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 22 दिनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर हजारों किसान जमे हुए हैं. लेकिन अब तक सरकार के साथ गतिरोध जारी है. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. इस बीच बड़ी खबर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को किसानों को संबोधित करेंगे.
दरअसल पीएम मोदी 18 दिसंबर को मध्य प्रदेश में होने वाले किसान सम्मेलनों को संबोधित करेंगे. इसकी जानकारी सीएमओ मध्य प्रदेश ने ट्वीट कर दी है. ट्वीट में बताया गया है कि पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करेंगे. बताया कि प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 2 बजे किसानों को संबोधित करेंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 दिसंबर को राज्य में हो रहे चार स्तरीय किसान कल्याण कार्यक्रम के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी. मालूम हो राज्य स्तरीय किसान महासम्मेलन रायसेन में होगा जिसमें मुख्यमंत्री श्री चौहान शामिल होंगे.
सीएमओ मध्य प्रदेश ने ट्वीट कर बताया कि 18 दिसंबर को राज्य के 35.50 लाख किसानों के खातों में 1,600 करोड़ रुपये की राशि डालें जाएंगे. सीएमओ ने ट्वीट कर बताया, कुल राहत राशि के एक हिस्से को अभी भेजा जा रहा है, दूसरा हिस्सा भी जल्द ही भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन ने बताया, इस साल फसलों का जो नुकसान हुआ है उसकी राहत राशि हम किसानों को देंगे.
गौरतलब है कि किसानों के प्रदर्शन के बीच भाजपा नये कृषि कानूनों के प्रति जन जागरुकता के लिए दिल्ली और मध्यप्रदेश में किसान सम्मेलन, चौपाल कर रही है.
केन्द्र की भाजपा नीत सरकार सितंबर, 2020 में बने इन कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के रूप में पेश कर रही है जो बिचौलियों को खत्म करेंगे और किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की अनुमति देंगे. लेकिन दूसरी ओर हजारों की संख्या में किसान इन्हें ‘काला कानून’ बताते हुए इनका विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि इससे मंडियां खत्म हो जाएंगी, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की परिपाटी समाप्त हो जाएगी और किसान कॉरपोरेट्स के हाथों मजबूर हो जाएगा.
करीब दो सप्ताह से राष्टूीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में एकत्र किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग कर रहे हैं.
posted by – arbind kumar mishra