दिल्ली के निकट सिंघु बॉर्डर पर एक महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर उनकी मांगें केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार किये जाने तक वे नए साल का जश्न नहीं मनाएंगे. पंजाब के रोपड़ से आये किसान हरजिंदर सिंह ने कहा, सरकार जब तक हमारी मांगें नहीं मान लेती, तब तक हमारे के लिए कोई नया साल नहीं है.
किसानों का कहना था कि बुधवार को हुई बातचीत में सरकार ने बिजली बिल में बढ़ोतरी और पराली जलाने पर जुर्माना लगाने से जुड़ी चिंताओं का निदान करने का भरोसा दिया, लेकिन यह जश्न मनाने के लिए काफी नहीं है.
उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं. पंजाब के होशियापुर से पहुंचे हरमेश सिंह ने कहा, सरकार जिन दो मांगों पर सहमत हुई है वो अभी कानून नहीं हैं. अभी इनका असर नहीं होना था.
हम सरकार के पास स्पष्ट मांगों के साथ गए हैं. वे अपने हिसाब से चीजें तय नहीं कर सकते. उन्हें हमारी सारी मांगों को सुनना होगा. सिंघु बॉर्डर पर मौजूदा ज्यादातर किसान लंबे समय से अपने परिवारों से दूर हैं और नये साल के मौके पर भी दूर रहेंगे, लेकिन उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं है.
हरजिंदर ने कहा, हमें अपने परिवार की याद आ रही है, लेकिन ये किसान भी हमारा परिवार हैं. ये सभी हमारे भाई हैं. जालंधर के निवासी गुरप्रीत हैयर और भटिंडा के रहने वाले प्रताप सिंह ने फैसला किया है कि वह हर साल की तरह इस बार भी नववर्ष के अवसर पर ‘सेवा’ करेंगे, लेकिन इस बार वे किसान के बीच करेंगे.
Posted By – Arbind kumar mishra