केंद्र सरकार के कृषि कानूनो को लेकर किसानों का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली मार्च पर निकल चुके हैं. बॉर्डर पर उन्हें रोकने के प्रयास जारी है. वहीं अब यूपी के किसान भी पंजाब के किसानों के समर्थन में आ गये गये हैं. यूपी के भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यूपी से किसान दिल्ली मार्च के लिए निकल चुके हैं,
मिली जानकारी के अनुसार सुबह मोदीपुरम के टोल प्लाजा से दिल्ली के लिए निकला किसानों का काफिला दोपहर में करीब एक बजे परतापुर को पार कर गया. इसके मद्देनजर मेरठ यातायात पुलिस ने परतापुर में अन्य वाहनों को रोके रखा, जिससे कुछ समय के लिए वहां पर जाम के हालात बन गए. इससे पहले सिवाया टोल प्लाजा पर स्थानीय मीडिया से बातचीत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अन्नदाता के साथ लगातार अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा, देशभर में फसलों का एक ही दाम होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि कानून का भाकियू ने पहले ही विरोध किया है. टिकैत के दिल्ली कूच के एलान के बाद किसान जो कि एक दर्जन से अधिक टैक्ट्रर-ट्रालियों में सवार थे दिल्ली के लिए कूच कर गये. किसानों का कहना है कि वे दिल्ली जाएंगे और सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि यह विचारों की लड़ाई है, जब एक-दूसरे के विचार एक से होंगे लड़ाई खुद खत्म हो जाएगी.
उन्होंने कहाकि जब तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं होगा, भाकियू कार्यकर्ता व किसान सड़क पर ऐसे ही आंदोलन करते रहेंगे. टिकैत ने कहा कि सात साल से वह सरकार को ढूंढ रहे हैं परंतु अब तक नहीं मिली, इस बार उन्हें सरकार के मिलने की उम्मीद है. इधर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि वे सरकार किसान संघों से बातचीत के लिये तैयार हैं. तीन दिसंबर को उन्होंने किसान संघों को बातचीत का न्योता दिया है.
जबकि इधर दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम मैदान में किसानों को विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दिल्ली सरकार ने दे दी है. मैदान में किसानों के रहने खाने की व्यवस्था सरकार की ओर से की जा रही है. हालांकि पंजाब हरियाणा से आ रहे आंदोलन में शामिल किसानों का कहना है कि वे अपने लिये पर्याप्त खाना लेकर चले हैं. चाहे आंदोलन कितना भी लंबा क्यों नहीं चले. (भाषा इनपुट के साथ )
Posted By: Pawan Singh