Kisan Andolan: आंदोलन को खत्म करने का कल हो सकता है ऐलान, सरकार ने किसानों की अधिकतर मांगें मानीं
Kisan Andolan Latest News : संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सरकार को जो प्रस्ताव भेजे थे, उनमें से अधिकतर मांगें मान ली गयी हैं. कई मुद्दों पर सहमति बन गयी है, कुछ पर स्पष्टीकरण की जरूरत है
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल शुरू हुआ किसान आंदोलन इन कानूनों को वापस लिये जाने के बाद संभवत: समाप्ति की ओर है. सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सरकार को जो प्रस्ताव भेजे थे, उनमें से अधिकांश को सरकार ने स्वीकार कर लिया है. सरकार से मिली प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के बाद किसान नेता कुलवंत संधू ने कहा कि कई मुद्दों पर सहमति बन गयी है, जबकि कुछ मुद्दों पर हम स्पष्टीकरण चाहते हैं. उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के भविष्य पर कल फैसला हो सकता है.
For compensation to over 700 deceased farmers' kin, we want the Centre to follow Punjab model; Rs 5 lakh compensation and a job as announced by Punjab govt should be implemented by Govt of India as well: Gurnam Singh Charuni, BKU pic.twitter.com/2lIuQVWMl1
— ANI (@ANI) December 7, 2021
किसान नेता कुलवंत संधू ने बताया कि केंद्र सरकार एमएसपी तय करने के लिए जो समिति बना रही है, उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्य शामिल होंगे. लेकिन उन्हें समिति के गठन पर कुछ और स्पष्टीकरण चाहिए, जिसपर हम सरकार से सवाल कर रहे हैं. इसके अलावा किसानों पर जो मुकदमा दर्ज किया गया है उसे भी वापस लिया जायेगा और किसानों को पंजाब मॉडल पर मुआवजा दिया जायेगा. साथ ही इन तमाम बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद किसान आंदोलन वापस करने की घोषणा कर सकते हैं.
किसानों ने सरकार के समक्ष ये पांच मांगे रखीं हैं-
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एमएसपी पर कानून बनाया जाये
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किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिये जायें
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आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाये
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पराली बिल को निरस्त किया जाये
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लखीमपुरखीरी मामले में मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाये
सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार सरकार ने किसानों को जो जवाब भेजा है, उसके अनुसार सरकार इस बात पर राजी है कि एमएसपी के मुद्दे को लेकर जो समिति बनायी जा रही है, उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्य होंगे. साथ ही सरकार इस बात पर भी राजी है कि किसानों के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया गया है उसे वापस ले लेगी और मुआवजा के मुद्दे पर भी सरकार राजी है. अजय मिश्रा टेनी के मुद्दे पर पेच फंसने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की घोषणा कर दी गयी थी और सत्र के पहले दिन इन कानूनों को रद्द करने का बिल संसद से पास हो गया. बावजूद इसके अबतक किसानों का आंदोलन जारी है और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जबतक एमएसपी पर उनकी बातें नहीं मानी जायेंगी वे आंदोलन करते रहेंगे. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या अब किसान आंदोलन समाप्त हो जायेगा?