MSP पैनल और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए केंद्र ने मांगे किसान नेताओं के नाम! एसकेएम ने दी ये जानकारी
Farmers Protest संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने मंगलवार को कहा कि एमएसपी और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समिति गठित करने के लिए केंद्र सरकार ने एसकेएम (Samyukta Kisan Morcha) से पांच नाम मांगे हैं.
Farmers Protest संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने मंगलवार को कहा कि एमएसपी और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समिति गठित करने के लिए केंद्र सरकार ने एसकेएम (Samyukta Kisan Morcha) से पांच नाम मांगे हैं. एसकेएम ने इस बारे में पुष्टि करते हुए कहा कि भारत सरकार की ओर से पंजाब किसान संघ के नेता को एक टेलीफोन कॉल आया था. जिसमें सरकार चाहती थी कि एसकेएम की ओर से एक समिति के लिए पांच नाम सुझाए जाएं.
एसकेएम ने कहा कि हालांकि, हमें इस बारे में कोई लिखित सूचना नहीं मिली है और न ही इस बारे में कोई विवरण उपलब्ध है कि यह समिति किस बारे में है. साथ ही यह भी नहीं पता कि इस बारे में शर्तें क्या हैं. इस तरह के विवरण के अभाव में इस मामले पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा. वहीं, मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस बारे में फैसला एसकेएम की ओर से 4 दिसंबर को होने वाली बैठक लिया जाएगा.
Samyukta Kisan Morcha (SKM) confirms that there was a telephone call from the Government of India to a Punjab farmer union leader, wherein the Government wanted five names to be suggested from SKM's side for a committee: SKM (1/2)#FarmersProtest
— ANI (@ANI) November 30, 2021
बता दें कि यह कदम संसद के दोनों सदनों द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित करने के एक दिन बाद आया है, जिसके खिलाफ किसान एक साल से विरोध कर रहे हैं. बता दें कि एसकेएम 40 से अधिक फार्म यूनियनों की एक संयुक्त शाखा है, जो कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित तीन कृषि कानूनों और उनकी अन्य मांगों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है.
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि शून्य बजट आधारित कृषि को बढ़ावा देने, देश की बदलती जरूरतों के अनुसार फसल पैटर्न बदलने और एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के विषयों पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान यह घोषणा की जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है, जो पिछले एक साल से किसानों के विरोध के केंद्र में थे.
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