Farmers Protest : ‘पीएम नरेंद्र मोदी कुछ तो बोलें’, किसान नेताओं ने की ये अपील
Farmers Protest : 28 फरवरी को एक और बैठक होगी. 29 फरवरी को हम आगे की रणनीति तैयार करेंगे. जानें क्या बोले किसान
Farmers Protest : आंदोलन को लेकर किसान आगे की रणनीति तैयार करेंगे. ‘दिल्ली चलो’ मार्च में भाग लेने वाले हजारों किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर डटे हुए हैं. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने कहा कि आज शंभू और खनौरी में मोर्चों पर हमारा 13वां दिन है. हम दोनों सीमाओं पर एक सभा करेंगे जिसमें डब्ल्यूटीओ (WTO) पर चर्चा होगी. हमने मांग की है कि कृषि क्षेत्र को डब्ल्यूटीओ से बाहर किया जाना चाहिए. हम शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और आगे की जानकारी देंगे.
अपनी चुप्पी तोड़ें पीएम मोदी: सरवन सिंह पंढ़ेर
आगे किसान नेता (Farmers Protest ) सरवन सिंह पंढ़ेर ने कहा कि 26 फरवरी को WTO, कॉरपोरेट घरानों और सरकार की अर्थियां जलाने का काम हम करेंगे. दोपहर में दोनों बॉर्डर पर 20 फीट से ज्यादा ऊंचे पुतले जलाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा, एसकेएम (गैर राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की बैठक करेगा. वहीं 28 फरवरी को एक और बैठक होगी. 29 फरवरी को हम आगे की रणनीति तैयार करेंगे. हम पीएम मोदी से अपील करते हैं कि जो कुछ भी किसानों के साथ हो रहा है उसपर कुछ बोलें.
धरनास्थल पर कैंडल मार्च निकाला गया
आपको बता दें कि किसानों ने अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च 29 फरवरी तक स्थगित करने का फैसला किया है. किसान शंभू और खनौरी सीमाओं पर कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. कुछ दिन पहले आंदोलन के दौरान मारे गए किसान की मौत पर शोक जताते हुए शनिवार को धरनास्थल पर कैंडल मार्च निकालने का काम किसानों की ओर से किया गया. 21 फरवरी को खनौरी में हुई झड़प में 21 साल के शुभकरण की मौत हुई थी. उनका अंतिम संस्कार अभी तक नहीं किया गया है क्योंकि किसान नेता इस बात पर अड़े हुए हैं कि पंजाब सरकार उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे.
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केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपनी बात दोहराई
इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बातचीत की बात फिर से दोहराई है. उन्होंने कहा है कि बात से ही किसी भी चीज का सामाधान निकलेगा. उन्होंने कहा कि हम सभी सुझावों का स्वागत करते हैं. मुझे उम्मीद है कि हम इस मुद्दे पर आगे भी चर्चा करेंगे जिसके परिणाम सकारात्मक होंगे. भारत सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित है.