किसानों का विरोध प्रदर्शन कृषि कानून के खिलाफ जारी है लेकिन ऐसा नहीं है कि किसान सिर्फ किसान कृषि कानून से नाराज हैं. सरकार के कई फैसलों से नाराज किसानों ने जब अपनी बात रखी तो ऐसे कई मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है.
किसानों की नाराजगी का मुख्य कानून तीन कृषि बिल तो हैं लेकिन इसके साथ ही किसानों की कई और मांग भी है. किसानों की तरफ से की गयी मांग पर गौर करें, तो इन बिल के अलावा किसानों ने लिखित मांग में पराली/वायु प्रदूषण को लेकर जो कानून आया था, उसे वापस लेने की मांग की है.
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इतना ही नहीं किसानों ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट 2020 जो आने वाला है उसको लेकर भी किसानों ने लिखित में आपत्ति जताई है. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध (farmers protest) लगातार जारी है.
पंजाब (Punjab) से उठी इस चिंगारी की लपट हरियाणा (Haryana) उत्तर प्रदेश (UP) मध्यप्रदेश (MP) में आग बन गई है. इधर, सरकार की ओर से किसान संगठनो को बातचीत का प्रयास लगातार जारी है.
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक दल भी बंटे हुए हैं. फिलहाल किसानों से बातचीत की जा रही है और उनकी समस्याओं को हल करने की कोशिश है. इस बैठक में किसानों ने कृषि बिल के अलावा कई मुद्दों पर भी अपनी समस्या रखी है और सरकार से मांग की है इस पर भी सरकार गौर करे. किसान संगठनों के साथ सरकार की हुई बैठक में किसानों ने अपनी सभी बातें रखी है.
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इस बीच किसानों से जब भोजन ग्रहण करने के लिए कहा गया तो उन्होंने सरकार की तरफ से इंतजाम किये गये खाने को मना कर दिया. किसान नेताओं अपने लंगर में बना खाना ही खाया. वहां से इन किसान नेताओं के लिए खाना आया था. किसानों ने अपना लंगर एम्बुलेंस से मंगवाया.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak