Farmers Protest Tractor Rally 26 January Violence Case केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों की ओर से निकाले गए ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला में हुए हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को आरोपी दीप सिद्धू (Deep Sidhu) की सात दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद मंगलवार को कोर्ट में पेश किया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अभिनेता दीप सिद्धू को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
A Delhi court remands Deep Sidhu to judicial custody for his alleged involvement in the violence that took place at the Red Fort and other parts of the national capital on Republic Day.
— ANI (@ANI) February 23, 2021
गौर हो कि दीप सिद्धू लंबे अरसे से पुलिस से बच रहा था. दिल्ली पुलिस ने 8 फरवरी को उसे गिरफ्तार किया था. लाल किला हिंसा मामले में सात दिनों की पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद दीप सिद्धू को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समरजीत कौर की अदालत में पेश किया गया था. उसे तिहाड़ जेल में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां वह अभी बंद है. इससे पहले कोर्ट ने दीप सिद्धू को 9 फरवरी को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था.
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दीप सिद्धू लाल किले पर हुई हिंसा को भड़काने वाले मुख्य आरोपियों में से एक है. उसकी हिरासत अवधि 16 फरवरी को सात और दिनों के लिये बढ़ा दी गई थी. पुलिस ने कहा था कि ऐसे वीडियो हैं, जिनमें सिद्धू को कथित तौर पर घटनास्थल पर मौजूद देखा जा सकता है और वह भीड़ को उकसा रहा था. पुलिस का आरोप है कि दीप सिद्धू मुख्य दंगाइयों में से एक था. पुलिस के मुताबिक, उसे झंडा फहराने वाले एक व्यक्ति के साथ बाहर आते और उसे बधाई देते देखा जा सकता है. वह बाहर आया और ऊंची आवाज में भाषण देकर वहां मौजूद भीड़ को उकसाया. उसने भीड़ को उकसाया जिसकी वजह से हिंसा हुई और इसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.
वहीं, दीप सिद्धू के वकील ने दावा किया कि उसका हिंसा से कोई लेना देना नहीं था और वह बस गलत वक्त पर गलत जगह था. गौर हो कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग को लेकर 26 जनवरी को किसान संघों के आह्वान पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों किसानों की पुलिसकर्मियों के साथ हिंसक झड़प हुई थी. इसी बीच कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर के साथ लाल किले पहुंच गए और स्मारक में घुस गए. कुछ लोगों ने लाल किले पर चढ़कर ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया. ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी.
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