22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Rajya Sabha Proceeding : राज्यसभा की कार्यवाही से हटाया गया कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान

Rajya Sabha Proceeding केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान का कुछ अंश राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है. राज्यसभा में उपसभापति वंदना चह्वाण ने यह निर्देश जारी किया. दरअसल, शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था. बाद में उनके बयान के कुछ अंश को संसदीय कार्यवाही से हटा दिया गया है.

Rajya Sabha Proceeding केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान का कुछ अंश राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है. राज्यसभा में उपसभापति वंदना चह्वाण ने यह निर्देश जारी किया. दरअसल, शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था. बाद में उनके बयान के कुछ अंश को संसदीय कार्यवाही से हटा दिया गया है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को तीन नये कृषि कानूनों का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि ये किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले और उनकी आय बढ़ाने वाले हैं. राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने यह भी कहा कि किसान संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा लगातार इन कानूनों को काले कानून की संज्ञा दी जा रही है, लेकिन अभी तक किसी ने यह नहीं बताया कि आखिर इन कानूनों में काला क्या है.

नरेंद्र सिंह तोमर ने चर्चा के दौरान कृषि कानूनों के फायदे गिनाते हुए विपक्षी दलों पर जमकर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने लगातार कोशिश की है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो और किसानी का योगदान देश की जीडीपी में तीव्र गति से बढ़े. कांग्रेस के दीपेन्द्र हुड्डा सहित अन्य विपक्षी सदस्यों ने कृषि मंत्री के इस दावे का विरोध किया और इसे लेकर तोमर के साथ उनकी नोकझोंक भी हुई.

गौर हो कि केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले दो महीने से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अब तक ग्यारह दौर की वार्ता हुई है, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है. प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों की कृपा पर रहना पड़ेगा. (इनपुट : भाषा)

Also Read: Farmers Protest : किसान संगठनों के चक्का जाम का कांग्रेस ने किया समर्थन, कहा- नए कृषि कानून वापस होने चाहिए

Upload By Samir Kumar

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें