Farmers Protest News Updates मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को किसान संगठनों की ओर से मुआवजे को लेकर भेजे गए नामों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हालांकि, उन्होंने कहा कि किसानों से संबंधित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लिया जा चुका हैं. साथ ही किसानों की एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर एक कमिटी बना दी गई है. इसके बाद अब कोई विषय नहीं बचा है. कृषि मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि अब वह वापस सामान्य कामकाज पर लौट जाएं.
बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 702 किसानों की सूची केंद्र को भेजी गई है, जिनके परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की गई है. इससे पहले नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों की जानकारी नहीं है. पीएम मोदी द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा करने के बाद केंद्र सरकार और भाजपा को लग रहा था कि अब साल भर से चला आ रहा आंदोलन एक झटके में खत्म हो जाएगा. हालांकि, अभी भी ऐसा होता नहीं दिख रहा है और किसानों ने अपनी दूसरी मांगें सरकार के समक्ष रख दीं.
शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई एसकेएम की बैठक में फैसला लिया गया कि किसानों पर दर्ज केस रद्द होने तक किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा. आगे इस आंदोलन की तस्वीर क्या होगी, इस बाबत रणनीति तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया. यह कमेटी किसानों पर दर्ज केस वापस लेने के लिए केंद्र से बात करेगी. एमएसपी पर भी यही कमेटी केंद्र के साथ बातचीत में शामिल होगी. इस कमेटी में बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का और अशोक धावले का नाम है.