कृषि कानूनों को खिलाफ किसानों का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पंजाब हरियाणा और यूपी के किसान विरोध कर रहे हैं. सिंघु बॉर्डर पर किसान जमें हुए हैं, हालांकि दिल्ली सरकार ने उन्हें बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में आंदोलन करने की अनुमति दे दी है.
इधर किसानों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने तीन दिंसबर को किसान यूनियन को बातचीत करने का न्योता भेजा है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. हम उन्हें तीन दिसंबर को बातचीत के लिए आमंत्रित करते हैं, साथ ही उनसे यह आग्रह करते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए वे अपना विरोध प्रदर्शन बंद कर दें.
केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन को लेकर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसान संगठनों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की शुक्रवार को अनुमति दे दी गयी. दिल्ली पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है.
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ”प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने की अनुमति दे दी गयी है और वे उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन कर सकते हैं.” साथ ही दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ”हम उनसे शांति बनाये रखने की अपील करते हैं.”
इससे पहले क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने भी दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ”हमें दिल्ली में दाखिल होने की अनुमति मिल गयी थी.” उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी के एक स्थान पर प्रदर्शन की अनुमति दी थी.
मालूम हो कि इससे पहले शुक्रवार की सुबह सीमा पर डटे किसान प्रदर्शन करते हुए दिल्ली में जबरदस्ती दाखिल होने की कोशिश की. किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच दिल्ली-हरियाणा सिंहू सीमा पर पथराव शुरू हो गया. इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
इधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि ”किसानों की आवाज दबायी नहीं जा सकती है. केंद्र को दिल्ली की सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने के लिए किसान संघ के नेताओं के साथ तुरंत बातचीत शुरू करनी चाहिए. अब जब स्थिति हाथ से निकल रही है, तो तीन दिसंबर तक इंतजार क्यों करें?”
Posted By: Pawan Singh