नयी दिल्ली: कृषि सुधार कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के एक धड़े ने सरकार को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती दी है. किसानों ने बुधवार को कहा कि सरकार ने इन कानूनों को लेकर किसानों की आशंकाएं दूर नहीं की तो संगठन से जुड़े किसान प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच करेंगे.
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दस सूत्री मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा गया. यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे लाल यादव ने दावा किया कि सरकार ने किसानों से पूछे बगैर खेती से जुड़े तीन ऐसे कानून संसद में पारित करा दिए जिनसे किसानों पर ही सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. हम सरकार को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती देते हैं.
मांगे नहीं माने जाने पर दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर इन कानूनों को लेकर किसानों की चिंताओं और आशंकाओं को दूर नहीं किया तो हमारी यूनियन के किसान दिल्ली जाकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे. यादव ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों की आशंकाएं दूर करने में नाकाम साबित हो रही है. मंगलवार को ही किसान नेताओं की केंद्र सरकार से इन्हीं कानूनों को लेकर बातचीत हुई थी जो विफल रही.
प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा
किसान यूनियन ने पूछा कि आखिर क्या कारण है कि सरकार किसानों को संतुष्ट नहीं कर पा रही है. किसान नेता ने कहा कि सरकार ने जिस हड़बड़ी में इन नए कृषि कानूनों को संसद में पारित कराया उससे उसकी नीयत पर संदेह पैदा होता है. इस मौके पर प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा गया.
इस ज्ञापन में हाल में संसद से पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही फसल खरीद के लिए कानून बनाने और उससे कम दर पर खरीद करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान किए जाने और दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश में भी किसानों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दिए जाने की मांगें प्रमुख हैं.
Posted By- Suraj Thakur