कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब एमएसपी की गारंटी के साथ दूसरे मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. इसे लेकर किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से किसान ट्रैक्टर और ट्राली के साथ दिल्ली की तरफ रवाना हो रहे हैं. 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने जा रहा है और संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी को बॉर्डर पर पहुंचने का आह्ववान किया है. इस एलान के बाद दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों की तादाद बढ़ने जा रही है. दिल्ली में 1000 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रालियां इसमें शामिल होंगी.
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार बड़ी संख्या में किसान पंजाब के कई हिस्सों से दिल्ली की सीमा की तरफ बढ़ रहे हैं. संगरूर से किसानों का एक बड़ा जत्था दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने के लिए रवाना हो चुका है. रिपोर्ट के अनुसार 24 और 25 नवंबर को हजारों किसानों के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचने की संभावना बनी हुई है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वो अपने इस कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं करेगा.जब तक तीन कृषि कानून के खिलाफ संसद में बिल नहीं पास होता तब तक वो पीछे नहीं हटेंगे.
क्या है अब किसानों की मांग
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसानों ने एमएसपी की गारंटी मांगी है. बिजली शोध बिल रद्द करने की मांग भी किसान कर रहे हैं. इसके अलावा प्रदूषण एक्ट से किसानों को बाहर रखने की मांग भी हो रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि मोदी सरकार ने एक मांग को मानी है बाकी के मांगों के पूरा होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
पीएम मोदी ने 19 नवंबर को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. कानूनों की वापसी के साथ ऐसा लगने लगा था कि किसान अपना आंदोलन वापस ले लेंगे और दिल्ली की सीमा खाली हो जाएगी. लेकिन उम्मीद के विपरित किसानों ने एमएसपी और दूसरे मुद्दों के साथ आंदोलन जारी ऱखने का एलान कर दिया है.