सूरजमुखी के बीजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग के पक्ष में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में पीपली में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर रहे किसान आगे की योजना तैयार करने के वास्ते आज बैठक करेंगे. किसानों और जिला प्रशासन के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन ये बेनतीजा रही. किसानों ने इस मुद्दे पर महापंचायत आयोजित करने के बाद सोमवार दोपहर से पिपली के पास राजमार्ग (एनएच-44) को अवरुद्ध कर दिया है. यह राजमार्ग दिल्ली को चंडीगढ़ तथा कुछ अन्य मार्ग से जोड़ता है.
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जिला प्रशासन के साथ सोमवार रात उनकी दो बैठकें हुईं लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई की योजना तैयार करने के वास्ते किसानों की स्थानीय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता मंगलवार को बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि सूरजमुखी बीजों के लिए एमएसपी का मुद्दा न केवल हरियाणा के किसानों को बल्कि पूरे किसान समुदाय को प्रभावित कर रहा है. सूरजमुखी के बीजों के लिए एमएसपी के अलावा किसान नौ किसान नेताओं को रिहा करने की भी मांग कर रहे हैं जिन्हें शाहाबाद में हाल में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक एस एस भोरिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिला प्रशासन किसानों को जाम समाप्त करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है और उन्हें उम्मीद है कि इसका कोई समाधान निकल आएगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि अनाज मंडी पिपली के दो किलोमीटर के दायरे में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी, जहां किसानों ने अपनी महापंचायत की और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) द्वारा बुलाई गई ‘‘एमएसपी दिलाओ, किसान बचाओ महापंचायत’’ राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के पास पिपली में एक अनाज मंडी में आयोजित की गई थी. महापंचायत के बाद किसान राजमार्ग पर जमा हुए और उसे अवरुद्ध कर दिया. पुलिस ने दिल्ली की ओर से आ रहे वाहनों को कुरुक्षेत्र बाईपास की ओर मोड़ दिया.
महापंचायत में विभिन्न खाप के नेता और बीकेयू नेता राकेश टिकैत के अलावा ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया भी मौजूद थे जो भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई की मांग करने वाले पहलवानों में शामिल हैं. इस महापंचायत में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान भी शामिल हुए.
गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को 36,414 एकड़ में उगने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 29.13 करोड़ रुपये जारी किए थे. किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे. भावांतर भरपाई योजना के तहत राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बेची जाने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए अंतरिम समर्थन के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है.